सुलतानपुर: जिले में दुर्गा पूजा महोत्सव में इस बार भी समिति के पदाधिकारियों ने आदि गंगा गोमती को रासायनिक प्रदूषण से बचाने के लिए लगाया गया बैरियर तोड़ दिया. जबकि प्रशासन की तरफ से गड्ढा बनाया गया था, जिसमें मूर्तियां विसर्जित की जानी थी. इससे प्रदूषण से आदि गंगा गोमती को बचाया जा सकता था.
गोमती नदी में की गई मूर्तियां विसर्जित
- जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर पालिका ने सीता कुंड घाट पर मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की थी.
- इसमें एक गड्ढा जेसीबी से खोदकर बनाया गया था, जिसमें प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारी की गई थी.
- इसके लिए पालिका ने बजट जारी किया था और व्यवस्था की थी.
- आदि गंगा गोमती को रसायनिक कचरे से बचाने का बैनर लगाते हुए आह्वान किया गया था.
- जब मूर्ति विसर्जन की बारी आई तो चंद मूर्तियां विसर्जित होने के बाद ही यह बैरियर टूट गया और आदि गंगा गोमती में मूर्तियां प्रभावित होने लगी.
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सभासद संतोष सिंह कहते हैं कि गोमती को प्रदूषण से बचाने के लिए गड्ढा तैयार किया गया था, लेकिन कुछ मूर्तियां विसर्जन के बाद ही प्रतिमाओं को वापस गोमती नदी में डाला जाने लगा.