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कवि की साधना स्थली पर भू माफियाओं का कब्जा, कोर्ट ने लिया संज्ञान तो दौड़े आए अफसर - rajendra prasad

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जिस कवि की साहित्य रचनाओं से प्रेरणा लेते रहे, उनकी साधना स्थली आज भू माफियाओं का चारागाह बन गई है. मामला जब बढ़ा तो हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया, जिसके बाद गुरुवार को प्रशासनिक हलके में खलबली मच गई.

कवि की साधना स्थली पर भू माफियाओं का कब्जा
कवि की साधना स्थली पर भू माफियाओं का कब्जा
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Published : Jun 17, 2021, 6:37 PM IST

सुल्तानपुर: कवि पंडित राम नरेश त्रिपाठी की साहित्य साधना स्थली तुलसी सत्संग भवन भू माफियाओं के कब्जे में है. सिविल न्यायालय से स्थगन आदेश के बावजूद कलेक्ट्रेट गेट के ठीक सामने भू-माफियाओं का अवैध निर्माण जारी रहा. हाईकोर्ट के प्रकरण में संज्ञान लेने पर गुरुवार को प्रशासनिक हलके में खलबली मच गई. एसडीएम और क्षेत्राधिकारी नगर आनन-फानन में आए. मौके पर अवैध निर्माण पुलिस बल की मौजूदगी में रोका गया.

कवि की साधना स्थली पर भू माफियाओं का कब्जा
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जिस कवि की साहित्य रचनाओं से प्रेरणा लेते रहे, उनकी साधना स्थली आज भू माफियाओं का चारागाह बन गई है. सिविल न्यायालय की रोक के बावजूद कलेक्ट्रेट गेट के ठीक सामने इस पर अवैध कब्जा जमा लिया गया है. 19 के दशक में तत्कालीन डीएम ने कवि पंडित राम नरेश त्रिपाठी के नाम तुलसी सत्संग भवन का पट्टा किया था, तब से यहां साहित्यकार साहित्य साधना किया करते थे. जो आज भी मंदिरों के होने के चलते मोनी मंदिर के नाम से भी विख्यात हैं.वहीं, जब इस पर जिम्मेदारों से बात की गई तो जिले के सदर एसडीएम रामजीलाल ने बताया कि इन लोगों ने बिना नक्शा स्वीकृति के काम जारी कर दिया था. जिसके चलते धारा 10 की नोटिस इन्हें प्रदान की गई थी, कुछ दुकानदारों का इनसे विवाद भी चल रहा था. सिविल न्यायालय से स्टे के बाद पुलिस को तीन नोटिस जारी की जा चुकी हैं. स्थगन आदेश का अनुपालन कराने के लिए पुलिस को पत्र जारी किया गया था. हाईकोर्ट के प्रकरण संख्या लेने पर डीएम के आदेश पर हम काम रोकने आए हैं. एसडीएम ने कहा कि वीडियो और फोटोग्राफी कराते हुए डीएम को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा.

सुल्तानपुर: कवि पंडित राम नरेश त्रिपाठी की साहित्य साधना स्थली तुलसी सत्संग भवन भू माफियाओं के कब्जे में है. सिविल न्यायालय से स्थगन आदेश के बावजूद कलेक्ट्रेट गेट के ठीक सामने भू-माफियाओं का अवैध निर्माण जारी रहा. हाईकोर्ट के प्रकरण में संज्ञान लेने पर गुरुवार को प्रशासनिक हलके में खलबली मच गई. एसडीएम और क्षेत्राधिकारी नगर आनन-फानन में आए. मौके पर अवैध निर्माण पुलिस बल की मौजूदगी में रोका गया.

कवि की साधना स्थली पर भू माफियाओं का कब्जा
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जिस कवि की साहित्य रचनाओं से प्रेरणा लेते रहे, उनकी साधना स्थली आज भू माफियाओं का चारागाह बन गई है. सिविल न्यायालय की रोक के बावजूद कलेक्ट्रेट गेट के ठीक सामने इस पर अवैध कब्जा जमा लिया गया है. 19 के दशक में तत्कालीन डीएम ने कवि पंडित राम नरेश त्रिपाठी के नाम तुलसी सत्संग भवन का पट्टा किया था, तब से यहां साहित्यकार साहित्य साधना किया करते थे. जो आज भी मंदिरों के होने के चलते मोनी मंदिर के नाम से भी विख्यात हैं.वहीं, जब इस पर जिम्मेदारों से बात की गई तो जिले के सदर एसडीएम रामजीलाल ने बताया कि इन लोगों ने बिना नक्शा स्वीकृति के काम जारी कर दिया था. जिसके चलते धारा 10 की नोटिस इन्हें प्रदान की गई थी, कुछ दुकानदारों का इनसे विवाद भी चल रहा था. सिविल न्यायालय से स्टे के बाद पुलिस को तीन नोटिस जारी की जा चुकी हैं. स्थगन आदेश का अनुपालन कराने के लिए पुलिस को पत्र जारी किया गया था. हाईकोर्ट के प्रकरण संख्या लेने पर डीएम के आदेश पर हम काम रोकने आए हैं. एसडीएम ने कहा कि वीडियो और फोटोग्राफी कराते हुए डीएम को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा.
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