सुलतानपुर: जिले में भूगर्भ जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है. ग्राम पंचायतें क्रिटिकल डेंजर जोन में शामिल हो रही हैं. भूगर्भ जल स्तर को बचाने के लिए सुलतानपुर विकास विभाग ने नई पहल शुरू की है. पायलट प्रोजेक्ट कुड़वार ब्लॉक में अपनाए जाने का फैसला किया गया है. इसके तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित हो रहे तीन आवासों का चयन किया गया है, जहां वर्षा जल संग्रह प्रणाली लगाई जाएगी. प्रत्येक प्रणाली दस हजार लीटर पानी का संचयन कर भूगर्भ जल स्तर में बढ़ोतरी करेगी.
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि वर्षा जल संग्रह प्रणाली को स्थापित करने के लिए हम लोगों ने सुलतानपुर में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. कूरेभार ब्लॉक के डीहढग्गूपुर गांव से इसकी शुरुआत करने का निर्णय लिया गया है, जहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के लिए आवास तैयार किया जाएगा. वर्षा जल संग्रह प्रणाली से भूजल संचयन की प्रक्रिया में तेजी आती है. बारिश का पानी प्रणाली के तहत भूमि के अंदर पहुंचता है.
जल संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके समाजसेवी मनोज पांडे कहते हैं कि उन्होंने अपने स्तर पर कई ग्राम पंचायतों में गड्ढे खुदवाएं हैं. लोगों को वर्षा जल संचयन के लिए प्रेरित किया है. प्रत्येक सरकारी इमारतों में यह प्रणाली लगाई जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में हम जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दे चुके हैं. गांव के पानी को तालाब की तरफ मुडवाकर जल संचयन कराने का एक प्रयास सब के सहयोग से किया गया.
सुलतानपुर का नजदीकी ब्लॉक है कूरेभार, जहां पर डीहढग्गूपुर गांव में इसकी शुरुआत की जा रही है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र बने परिवारों को इसकी जानकारी दी जाएगी. इसके महत्व से परिचित कराया जाएगा. इसके लिए खंड विकास अधिकारी एवं पंचायत राज अधिकारियों को दिशा निर्देश मुख्य विकास अधिकारी तरफ से दिए गए हैं. एक प्रधानमंत्री आवास से बारिश के दस हजार लीटर पानी को इस प्रणाली के तहत भूगर्भ जल में पहुंचाया जाएगा.