सुलतानपुर: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का एक अहम हिस्सा आई स्कैनर बन गया है. सबसे पहले इसे ग्रामीण क्षेत्र में लागू किया जा रहा है. इसके बाद नगरपालिका में संचालित सस्ते गल्ले की दुकानों में इसे प्रभावी किया जाएगा. अंगूठे के निशान लेने की प्रक्रिया फेल होने पर आई स्कैनर स्वत: प्रभावी होगा. यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के पात्रता का निर्धारण करेगा. कार्डधारक गरीब है या अमीर इसका पता लगाएगा.
फर्जीवाड़ा खत्म करेगा आई स्कैनर सुलतानपुर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना काफी प्रभावी है. इसके तहत अंत्योदय और पात्र गृहस्थी योजना को संचालित किया गया है. यह दोनों योजनाएं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों के लिए है. 4 लाख से अधिक परिवार जिले में इसका लाभ ले रहे हैं. ई पंच मशीन से राशन वितरण नगर पालिका क्षेत्र में किया जा रहा है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह अंगूठे का निशान लेने में फेल हो रही है. जिसकी वजह से प्रॉक्सी करना पड़ता है. यानी मैनुअल तरीके से राशन वितरण करना पड़ता है. इसमें फर्जीवाड़ा पहले की भांति ही होने का अंदेशा होता है. सरकार फर्जीवाड़े को खत्म करने के लिए आई स्कैनर मशीन को प्रभावी बना रही है. कार्ड धारक की आंख की पहचान से उसकी श्रेणी का पता लगाया जाएगा कि वह असल में गरीब है या अमीर. आई स्कैनर को नगरपालिका क्षेत्र में भी लागू किया जाना चाहिए.
मनोज दुबे, उचित दर विक्रेता
आई स्कैनर मशीन को ग्रामीण क्षेत्र में लागू किया जा रहा है. यह अंगूठा नहीं मिलने की दशा में प्रभावी होगी. कार्ड धारक की पहचान सुनिश्चित कराएगी जिससे राशन वितरण में सहूलियत होगी.
संजय प्रसाद, जिला पूर्ति अधिकारी