सुलतानपुरः जिले के बल्दीराय थाना क्षेत्र में फर्जी डॉक्टर के प्रेगनेंट स्त्री का ऑपरेशन करने का मामला सामने आया है. जिसमें जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गयी. परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी, तो सारे फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया. दरअसल, हॉस्पिटल चलाने वाला भी पांचवीं तक ही पढ़ा-लिखा है. इन दोनों के पास न तो कोई डिग्री मिली और न ही स्वास्थ्य विभाग से कोई अनुमति पत्र मिला है. दोनों झोलाछाप डॉक्टरों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है.
गर्भवती और बच्चे की मौत के बाद जागे परिजन
पूरा मामला सुल्तानपुर जिले के बल्दीराय थाना क्षेत्र के मल्लन का पुरवा गांव से जुड़ा हुआ है. जहां राजाराम पुत्र नत्थू ने बल्दीराय थाने में तहरीर दी. 17 मार्च को उन्होंने पत्नी को स्थानीय मां शारदा हॉस्पिटल में जच्चा-बच्चा केंद्र अरवल में भर्ती कराया. जहां 8वीं कक्षा पास झोलाछाप राजेश कुमार साहनी ने गर्भवती पूनम का ऑपरेशन कर डाला. झोलाछाप डॉक्टर राजेश लखीमपुर खीरी के लक्ष्मण नगर का रहने वाला है. उसके पिता का नाम कामता लाल साहनी है. ऑपरेशन के बाद जच्चा और बच्चा की स्थिति और नाजुक हो गयी. जिससे दोनों की रास्ते में ही मौत हो गयी.
बिना चिकित्सक परामर्श के भेजा लखनऊ: एसपी
एसपी के मुताबिक राजाराम मां शारदा जच्चा-बच्चा केंद्र पर अपनी पत्नी को लेकर गए थे. जहां पर झोलाछाप डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन कर दिया. इसके बाद अत्यधिक रक्तस्राव के बाद बिना किसी रेफरल डॉक्टर के गर्भवती को लखनऊ के लिए भेज दिया गया. रास्ते में दोनों की मौत हो गई. बल्दीराय थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया गया. राजेश कुमार साहनी जो कक्षा 8 पास है. इनके पास हॉस्पिटल चलाने की कोई डिग्री नहीं है. आठवीं पास डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद शुक्ला के पास कोई डिग्री नहीं है. जो ऑपरेशन कर रहे हैं. वही हॉस्पिटल संचालक अरुण मिश्रा पांचवी पास हैं. इनके पास भी कोई प्रमाण पत्र और डिग्री नहीं है.
क्षेत्रवासियों में व्याप्त असंतोष
थानाध्यक्ष अमरेंद्र सिंह ने तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है. न्यायिक अभिरक्षा में इन्हें पेश किया जा रहा है. न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है. घटना से क्षेत्र वासियों में घोर असंतोष फैला है.