सुल्तानपुर. जिले के लंभुआ तहसील अंतर्गत राम जानकी पौराणिक मंदिर में ताला लगा दिया गया है. श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन से प्रतिबंधित कर दिया गया है. विवाद न हो, इसके लिए मंदिर के पुजारी ही इस समय आरती और भोग लगा रहे हैं.
मामला सुल्तानपुर के लंभुआ विधानसभा सीट में शिवगढ़ ग्राम पंचायत का है. बताया जाता है कि 12वीं शताब्दी में इस राम जानकी मंदिर को स्थापित किया गया था. भगवान राम और माता सीता के इस प्राचीनतम मंदिर परिसर में शिवालय भी स्थापित है. इसी मंदिर में राधे कृष्ण झूलेलाल के रूप में मौजूद हैं. यह आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र माना जाता है. यहां पड़ोसी जिला प्रतापगढ़ के लोग भी बड़ी संख्या में दर्शन-पूजन के लिए आते हैं.
हालांकि पिछले कुछ दिनों से मंदिर परिसर की जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हो गए हैं. इसे लेकर एक पक्ष ने भगवान राम लला और मां जानकी के मंदिर में तालाबंदी कर दी है. इसे लेकर ग्रामीणों में असंतोष है. इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि उनके पूर्वज भी नहीं जानते कि यह मंदिर कब का है. विजेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने इसकी फुलवारी पर कब्जा कर लिया है. वहां गौशाला बना ली है.
वहीं, एक अन्य स्थानीय ग्रामीण का कहना है कि पहले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में यहां मेला लगता था. भगवान झूलेलाल का दर्शन-पूजन और आरती का कार्यक्रम बहुत विधि विधान से किया जाता था. भगवान को आभूषण पहनाए जाते थे लेकिन अब यहां अवैध कब्जे और अतिक्रमण शुरू हो गये है. मंदिर पर ताला लगा दिया गया है.
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उधर, इस मामले पर एसडीएम का कहना है कि अभी तक इस प्रकरण की जानकारी नहीं थी. संज्ञान में आने के बाद पूरे मामले की जांच तहसीलदार लंभुआ को सौंपी गई है. जांच पड़ताल के बाद ही विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. लोगों के तरीके द्वारा यह जानकारी मिली है कि मंदिर के पुजारी ताला खोलते हैं और पूजा पाठ करते हैं. इसके बाद ताला बंद कर दिया जाता है.
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