सुलतानपुर: जमीनी विवाद का बहाना लेकर ऑनर किलिंग में षडयंत्र के तहत करीब 14 वर्ष पूर्व गला घोंटकर हुई युवक की हत्या के मामले में अदालत ने मां-दो बेटे एवं एक अंधे को दोषी करार दिया है. जिन्हें एडीजे सप्तम राम विलास प्रसाद (ADJ VII Ram Vilas Prasad) की अदालत ने उम्र-कैद और 50-50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.
पूरा मामला जामो थाना क्षेत्र के पूरे दुनिया सिंह मजरे बरौलिया गांव से जुड़ा है. यहां के रहने वाले राम सुन्दर ने 16 अगस्त 2008 के रात की घटना का जिक्र करते बताया कि गांव के ही आरोपी राजदुलारे उर्फ सुरेश, उसका भाई बब्लू उर्फ राधेश्याम, उसकी मां हुबराजी और सह आरोपी लाल बाबू लोध के खिलाफ षडयंत्र रचकर ओढ़नी से गला घोंटकर अपने बेटे अवधेश की हत्या करने के आरोप के में मुकदमा दर्ज कराया था.
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घटना को अंजाम देने के पीछे ऑनर किलिंग का वास्तविक मुद्दा बताया गया है. फिलहाल जमीनी विवाद को ही सामने लाया गया. इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ तफ्तीश पूरी होने के उपरांत आरोप-पत्र दाखिल हुआ और एडीजे सप्तम की अदालत में विचारण चला. इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने तर्को को प्रस्तुत कर आरोपियों को बेकसूर बताया. वहीं, शासकीय अधिवक्ता ने सभी आरोपियों के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी ठहराकर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की.
सरकारी वकील ने बताया कि विचारण अभियुक्त लाल बाबू लोध के आंखों की रोशनी चली गई, लेकिन घटना के समय उसकी आंखें ठीक थीं. उसे ही पूरी घटना का मास्टर माइंड बताया गया. इस मामले में उभय पक्षों को सुनने के पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश राम विलास प्रसाद की अदालत ने सभी आरोपियों को साजिश रचकर हुई अवधेश की हत्या के आरोप में दोषी करार दिया, इन्हें अदालत ने उम्र कैद और 50-50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.
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