सुलतानपुर: जिले में एनजीटी के मानक में हुए बदलाव से पांच हजार मछुआ परिवारों के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान दिखने लगी है. गोमती नदी के किनारे निषाद परिवारों का अधिकाधिक निवास है. नदी के दायरे में छूट मिलने से बड़े पैमाने पर अधूरे बने भवन निर्माण कार्य पूरे हो जाएंगे. वहीं करीब पांच हजार परिवारों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. नगर पालिका के सभासद और ग्रामीण अंचल के प्रधान प्रधानमंत्री आवास योजना के अधूरे पड़े कार्य को पूरा करने के लिए जुट गए हैं. विनियमित क्षेत्र में नए परिसीमन के मुताबिक 50 मीटर दायरे को बैरिकेडिंग कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.
इन क्षेत्र के लोगों का पूरा होगा आशियाना
विनोबापुरी, सीता कुंड, गोलाघाट, बढ़ैयावीर, करौंदिया, करौंदिया देहात और पांचोपीरन समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर जिला स्तरीय रिपोर्ट देखें तो लगभग 20 हजार निषाद आबादी मौजूद है. इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान मिलने की उम्मीद जगी है.
सभासद संतोष सिंह ने बताया कि सीताकुंड में 61 लाभार्थियों को पीएम आवास योजना का लाभ मिला था, जिसमें से 30 अधूरे पड़े भवनों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा. वहीं नगर पालिका क्षेत्र में ऐसे 200 परिवार हैं, जो प्रत्यक्ष लाभ के हकदार हैं. यहां बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन हुआ है, लेकिन अब इस व्यवस्था के लागू हो जाने से लोगों को निजात मिल सकेगी. इसके तहत 50 मीटर नदी के दोनों तरफ के क्षेत्र को चिन्हित किया जाएगा और वहां बाकायदा बोर्ड लगाया जाएगा. साथ ही इससे बाहर के लोगों को विनियमित किया जाएगा और उनके नक्शे पास कर उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी दिलाया जाएगा.
नियत प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र रामजीलाल ने बताया कि निषाद बस्तियों का चिन्हांकन किया गया है. बड़े पैमाने पर लोगों को पात्र के रुप में चिन्हित किया गया है, लेकिन एनजीटी के दायरे यानी 200 मीटर के अंदर आने की वजह से अधूरे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई थी.