सुलतानपुरः जिले में पांचवीं पास व्यक्ति के हॉस्पिटल में आठवीं कक्षा पास झोलाछाप ने आपरेशन किया था. ऑपरेशन के बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई थी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र त्रिपाठी ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पूरे हॉस्पिटल को सील कर दिया है. वहीं चिकित्सा अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है. एएनएम को दूसरे ब्लॉक के लिए तबादले पर भेज दिया गया है. वहीं संयुक्त स्वास्थ्य टीम गठित कर उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है.
तीनों झोलाछाप जेल में
पूरा मामला सुलतानपुर जिले के बल्दीराय थाना क्षेत्र अंतर्गत मल्लन का पुरवा गांव से जुड़ा हुआ है. यहां पर राजाराम पुत्र नत्थू की तहरीर पर 17 मार्च को एफआईआर दर्ज की गई थी. पीड़ित ने अपनी पत्नी पूनम को स्थानीय मां शारदा हॉस्पिटल एवं जच्चा-बच्चा केंद्र अरवल में भर्ती कराया था. यहां झोलाछाप लोगों ने गर्भवती पूनम का ऑपरेशन कर डाला. ऑपरेशन के बाद स्थिति नाजुक हुई और दूसरे अस्पताल ले जाते वक्त जच्चा-बच्चा की रास्ते में ही मौत हो गई थी. मामले में बल्दीराय थाना अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह ने सर्जन बने झोलाछाप के सहयोगी पांचवी पास अरुण मिश्रा और सर्जरी कर रहे आठवीं पास डॉ. राजेंद्र प्रताप शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया और 12वीं पास हॉस्पिटल संचालक राजेश साहनी समेत तीनों को जेल भेज दिया था.
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सिस्टम पर उठे सवाल
अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा का कहना है कि विषय बेहद गंभीर है. ऐसे हॉस्पिटल चलने से अफसरों की सक्रियता पर सवाल खड़े होते हैं. जिम्मेदार लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जिससे ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो.
चिकित्सा अधीक्षक और महिला कार्यकर्ता पर गाज
मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी का कहना है कि तीनों लोगों की गिरफ्तारी होने के बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश प्रजापति को पद से हटा दिया गया है. वहीं एएनएम रूबी को दूसरे ब्लॉक धनपतगंज में भेज दिया गया है. उच्च स्तरीय जांच स्वास्थ्य टीम की तरफ से कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.