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सुलतानपुर में 4 लाख से अधिक परिवारों को मिला गलत राशन कार्ड, DM ने दिए जांच के आदेश - सुलतानपुर डीएम

सुलतानपुर जिले में गलत राशन कार्ड का वितरण होने से चार लाख से अधिक पात्रों को राशन नहीं मिल पा रहा है. राशन कार्ड में अंत्योदय योजना लिखे जाने से ये गड़बड़ी हुई है. फिलहाल डीएम ने कार्ड बनाने वाली संस्था कर्मचारी कल्याण निगम का भुगतान रोक दिया है.

जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद.
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Published : Mar 5, 2019, 10:10 AM IST


सुलतानपुर: जिले में गलत राशन कार्ड मिल जाने से वितरण की समस्या उत्पन्न हो गई है. चार लाख से अधिक गृहस्थी पात्र राशन कार्ड में अंत्योदय योजना लिखे जाने से ये परिवार राशन नहीं ले पा रहे हैं. इन परिवारों को जो कार्ड मिला है वह गृहस्थी पात्र योजना का है, लेकिन उस पर पैसा अंकित नहीं किया गया है, जिससे विभाग को भी 10 रुपये प्रति कार्ड लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं.

दरअसल मामला राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ा हुआ है, जिसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है. शासन स्तर से कर्मचारी कल्याण निगम को राशन कार्ड बनाने के लिए अधिकृत किया गया था, लेकिन इस संस्था ने कार्ड निर्माण में मानकों की जमकर अनदेखी की है, जो कार्ड बनाया गया है वह पात्र गृहस्थी का है, लेकिन उस पर अंत्योदय योजना लिख दिया गया है. ऐसे में कोटेदार भ्रमित हो गए हैं कि अंत्योदय योजना का अनाज दिया जाए या पात्र गृहस्थी का.

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जानकारी देते जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद.

वहीं जब मामले की जानकारी जिलाधिकारी को हुई तो उन्होंने जांच कराई. जांच में कार्ड के ऊपर कागज नहीं लगने, पैसे का मुद्रण नहीं होने सहित कई खामियां निकलकर सामने आईं, जिससे आनन-फानन में राशन का भुगतान रोक दिया गया. वहीं डीएम ने कर्मचारी कल्याण निगम को तलब किया है. डीएम ने जांच रिपोर्ट के आधार पर राशन कार्ड बनाने वाली संस्था कर्मचारी कल्याण निगम का भुगतान रोक दिया है और फिर से कार्ड छपवाने का आदेश दिया है.

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जिलापूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्ड एकत्र कर लिए गए हैं. सभी ब्लाकों से कार्ड जिला मुख्यालय में लाते हुए उसे शासन को भेजने की कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि लखनऊ से ही कार्ड की छपाई हुई थी. उन्होंने बताया कि अब दोबारा कार्ड की छपाई कराने के लिए कार्यवाही की जा रही है. प्रथम दृष्टया कार्ड में पैसे का मुद्रण और योजना का नाम बदलने से भ्रम की स्थिति हुई थी, जिस पर यह कार्रवाई की गई है.


सुलतानपुर: जिले में गलत राशन कार्ड मिल जाने से वितरण की समस्या उत्पन्न हो गई है. चार लाख से अधिक गृहस्थी पात्र राशन कार्ड में अंत्योदय योजना लिखे जाने से ये परिवार राशन नहीं ले पा रहे हैं. इन परिवारों को जो कार्ड मिला है वह गृहस्थी पात्र योजना का है, लेकिन उस पर पैसा अंकित नहीं किया गया है, जिससे विभाग को भी 10 रुपये प्रति कार्ड लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं.

दरअसल मामला राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ा हुआ है, जिसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है. शासन स्तर से कर्मचारी कल्याण निगम को राशन कार्ड बनाने के लिए अधिकृत किया गया था, लेकिन इस संस्था ने कार्ड निर्माण में मानकों की जमकर अनदेखी की है, जो कार्ड बनाया गया है वह पात्र गृहस्थी का है, लेकिन उस पर अंत्योदय योजना लिख दिया गया है. ऐसे में कोटेदार भ्रमित हो गए हैं कि अंत्योदय योजना का अनाज दिया जाए या पात्र गृहस्थी का.

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जानकारी देते जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद.

वहीं जब मामले की जानकारी जिलाधिकारी को हुई तो उन्होंने जांच कराई. जांच में कार्ड के ऊपर कागज नहीं लगने, पैसे का मुद्रण नहीं होने सहित कई खामियां निकलकर सामने आईं, जिससे आनन-फानन में राशन का भुगतान रोक दिया गया. वहीं डीएम ने कर्मचारी कल्याण निगम को तलब किया है. डीएम ने जांच रिपोर्ट के आधार पर राशन कार्ड बनाने वाली संस्था कर्मचारी कल्याण निगम का भुगतान रोक दिया है और फिर से कार्ड छपवाने का आदेश दिया है.

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जिलापूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्ड एकत्र कर लिए गए हैं. सभी ब्लाकों से कार्ड जिला मुख्यालय में लाते हुए उसे शासन को भेजने की कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि लखनऊ से ही कार्ड की छपाई हुई थी. उन्होंने बताया कि अब दोबारा कार्ड की छपाई कराने के लिए कार्यवाही की जा रही है. प्रथम दृष्टया कार्ड में पैसे का मुद्रण और योजना का नाम बदलने से भ्रम की स्थिति हुई थी, जिस पर यह कार्रवाई की गई है.

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शीर्षक - फर्जीवाड़े से 4.16 लाख परिवारों के पेट पर लात, डीएम ने रोका भुगतान।

सुल्तानपुर मैं बड़ी खबर है । कर्मचारी कल्याण निगम का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसमें उसने 4,16000 परिवारों के पेट पर लात मारी है। पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड में अंत्योदय योजना लिखे जाने से अब इन परिवारों के आगे राशन लेने का संकट उत्पन्न हो गया है। कार्ड तो पात्र गृहस्थी योजना का है लेकिन उस पर मुद्रण यानी पैसा नहीं अंकित किया गया है। जिससे विभाग को ₹10 प्रति कार्ड लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे मामले को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है । जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार आधार पर राशन कार्ड बनाने वाली संस्था कर्मचारी कल्याण निगम का भुगतान रोक दिया गया है।








Body:मामला राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ा हुआ है। जिसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। शासन स्तर से कर्मचारी कल्याण निगम को राशन कार्ड बनाने के लिए अधिकृत किया गया था। लेकिन इस संस्था ने कार्ड निर्माण में मानकों की जमकर अनदेखी की है। जो कार्ड बनाया गया है, वह पात्र गृहस्थी का है। लेकिन उस पर अंत्योदय योजना लिख दिया गया है। ऐसे में कोटेदार भ्रमित हो गए कि अंत्योदय योजना का अनाज दिया जाए या पात्र गृहस्थी का। मामला जिला अधिकारी तक पहुंचा। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई गई। जिसमें कार्ड के ऊपर कागज नहीं लगने पैसे का मुद्रण नहीं होने समेत कई खामियां सामने आए हैं । जिस पर पूरा भुगतान रोक दिया गया है। कर्मचारी कल्याण निगम को तलब किया गया है। फिर से कार्ड छपवाने की तैयारी की जा रही है। इससे सुल्तानपुर जिले में राशन कार्ड से राशन वितरण की समस्या उत्पन्न हो गई है।


Conclusion:जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद कहते हैं कि पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्ड एकत्र कर लिए गए हैं। सभी ब्लॉकों से कार्ड जिला मुख्यालय में लाते हुए उसे शासन को भेजने की कार्रवाई की जा रही है। शासन का अर्थ है जिला मुख्यालय यानी लखनऊ जहां से कार्ड की छपाई हुई है । अब दोबारा इस कार्ड की छपाई कराने के लिए कार्यवाही की जा रही है। प्रथम दृष्टया कार्ड में पैसे का मुद्रण और योजना का नाम बदलने से भ्रम की स्थिति हुई थी। जिस पर यह कार्रवाई की गई है ।

आशुतोष मिश्रा 94150 49 256
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