सुलतानपुर: जिले में ऑक्सीजन न मिल पाने से एक प्रसूता की जिला महिला अस्पताल (Sultanpur District Women's Hospital) में मौत हो गई. स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के चलते हुई मौत की खबर सुनते ही सदमे में आया पति अचानक बेहोश हो गया. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में हाई वोल्टेज ड्रामा किया. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर परिजनों को शांत कराया गया.
मामला सुलतानपुर जिला महिला चिकित्सालय (Sultanpur District Women's Hospital) का है. कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के वैजापुर गांव निवासी मनीता को उसके पति राम सिंह ने 23 अगस्त को भर्ती कराया था. वह गर्भवती थी. उसका ऑपरेशन अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर सरोज दुबे ने किया था. मंगलवार की रात अचानक प्रसूता मनीता की तबीयत बिगड़ने लगी. उसे ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ी, तो आनन-फानन में पति ने स्वास्थ्यकर्मियों की मदद से सिलेंडर लगवाया, लेकिन सिलेंडर में गैस ही नहीं थी. समय से ऑक्सीजन न मिलने से मनीता ने कुछ देर में दम तोड़ दिया.
घटना की सूचना पर पहुंचे पति राम सिंह स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही को देख सदमे में आ गए और सीढ़ियों पर गिरकर बेहोश हो गए. इसके बाद आनन-फानन में परिजन दौड़े और उन्हें चिकित्सक को दिखाया गया. परिजनों ने हाई वोल्टेज ड्रामा करते हुए डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. सूचना पर स्थानीय चौकी इंचार्ज मुकेश कुमार पहुंचे और पुलिस बल की मदद से परिजनों को शांत कराया गया. मामले में घंटों चली उठापटक और विरोध प्रदर्शन के बाद परिजन शांत हुए और घर जाने को तैयार हुए.
प्रसूता की मौत के बाद हुए परीक्षण में बच्चे की हालत सामान्य बताई जा रही है. इस घटना से 2 घंटे तक जिला महिला अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल रहा. परिजनों का गुस्सा देखकर कई स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी से गायब हो गए.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके सोनकर ने बताया कि महिला प्रसूता मनीता का ऑपरेशन डॉ. सरोज दुबे ने किया था. देर रात उनकी हालत बिगड़ने लगी और दम घुटने की शिकायत पर चिकित्सक पहुंचे, लेकिन इसी बीच उनकी मौत हो चुकी थी. परिसर में ऑक्सीजन प्लांट लगा है. सिलेंडर ऑक्सीजन की हमारे पास कोई कमी नहीं है.
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