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सुलतानपुर: जिला अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ नर्स आपस में भिड़े, चिकित्सा कार्य बाधित

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर के जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर और स्टाफ नर्स का झगड़ा हो गया. डॉक्टर और स्टाफ नर्स के झगड़े के कारण इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सा कार्य बाधित रहा. सीएमएस ने स्टाफ नर्स को फटकार लगाते हुए चिकित्सा कार्य संचालित कराया.

जिला अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ नर्स आपस में भिड़े.
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Published : Aug 12, 2019, 5:03 PM IST

सुलतानपुर: जिला अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टर और स्टाफ नर्स झगड़े से रात भर दूरदराज से आने वाले आपातकालीन चिकित्सा के लिए मरीज और तीमारदार परेशान रहे. इलाज के लिए यहां-वहां भागते रहे कई मरीजों ने निजी अस्पतालों का रुख कर लिया. पूरे मामले को सीएमएस ने गंभीरता से लिया स्टाफ नर्स को फटकार लगाई और बाधित चिकित्सा कार्य संचालित कराया.

जिला अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ नर्स आपस में भिड़े.
  • मामला सुलतानपुर जिला अस्पताल की आपातकालीन चिकित्सा सेवा से जुड़ा हुआ है.
  • जहां रविवार रात को में दवाएं और इंजेक्शन को लेकर डॉक्टर और स्टाफ नर्स के बीच में भिड़ंत हो गई.
  • स्टाफ नर्स यह कहती रही कि दवाएं भरपूर उपलब्ध कराई गई हैं, जबकि डॉक्टर ने इसकी कमी बताते हुए इलाज करने से इनकार कर दिया.
  • रात के अंधेरे में दूरदराज से जीवन की आस लेकर आए मरीज और उनके तीमारदार परेशान रहे.

मैंने केंद्रीय औषधि भंडार परभारी, डाक्टर और स्टाफ नर्स दोनों को बुलाया. दोनों को समझाया है. मैंने उन्हें मोटिवेट भी किया कि आप बहुत बेहतरीन काम करते हैं. ऐसे दवाओं के लिए आपस में विवाद करना और स्वास्थ्य को प्रभावित करना ठीक नहीं है. यह कतई नहीं होना चाहिए कि उन्होंने मांगा नहीं, हमने दिया नहीं. कर्तव्य की कमी कतई नहीं होनी चाहिए.
-डॉ वी बी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, सुलतानपुर

सुलतानपुर: जिला अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टर और स्टाफ नर्स झगड़े से रात भर दूरदराज से आने वाले आपातकालीन चिकित्सा के लिए मरीज और तीमारदार परेशान रहे. इलाज के लिए यहां-वहां भागते रहे कई मरीजों ने निजी अस्पतालों का रुख कर लिया. पूरे मामले को सीएमएस ने गंभीरता से लिया स्टाफ नर्स को फटकार लगाई और बाधित चिकित्सा कार्य संचालित कराया.

जिला अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ नर्स आपस में भिड़े.
  • मामला सुलतानपुर जिला अस्पताल की आपातकालीन चिकित्सा सेवा से जुड़ा हुआ है.
  • जहां रविवार रात को में दवाएं और इंजेक्शन को लेकर डॉक्टर और स्टाफ नर्स के बीच में भिड़ंत हो गई.
  • स्टाफ नर्स यह कहती रही कि दवाएं भरपूर उपलब्ध कराई गई हैं, जबकि डॉक्टर ने इसकी कमी बताते हुए इलाज करने से इनकार कर दिया.
  • रात के अंधेरे में दूरदराज से जीवन की आस लेकर आए मरीज और उनके तीमारदार परेशान रहे.

मैंने केंद्रीय औषधि भंडार परभारी, डाक्टर और स्टाफ नर्स दोनों को बुलाया. दोनों को समझाया है. मैंने उन्हें मोटिवेट भी किया कि आप बहुत बेहतरीन काम करते हैं. ऐसे दवाओं के लिए आपस में विवाद करना और स्वास्थ्य को प्रभावित करना ठीक नहीं है. यह कतई नहीं होना चाहिए कि उन्होंने मांगा नहीं, हमने दिया नहीं. कर्तव्य की कमी कतई नहीं होनी चाहिए.
-डॉ वी बी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, सुलतानपुर

Intro:एक्सक्लूसिव स्टोरी
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शीर्षक : मरीजों का जीवन दांव पर लगा जिद पर लड़ते रहे 'धरती के भगवान'।


वैसे तो डाक्टर और स्टाफ नर्स मरीज और तीमारदारों की सहूलियत के लिए लगाए गए हैं। लेकिन सुल्तानपुर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टर और स्टाफ नर्स का स्वाभिमान ऐसा भिड़ा की रात भर दूरदराज से आने वाले आपातकालीन चिकित्सा के लिए मरीज और तीमारदार हलकान रहे। इलाज के लिए यहां-वहां भागते रहे कई मरीज निजी अस्पतालों का रुख कर लिया पूरे मामले को सीएमएस ने गंभीरता से लिया स्टाफ नर्स को फटकार लगाई और बाधित चिकित्सा कार्य संचालित कराए।


Body:मामला सुल्तानपुर जिला अस्पताल की आपातकालीन चिकित्सा सेवा से जुड़ा हुआ है। जहां रात में डॉक्टर और स्टाफ नर्स के बीच में भिड़ंत हो गई। मामला था दवाएं इंजेक्शन उपलब्ध कराने का। स्टाफ नर्स यह कहते रहे कि दवाएं भरपूर उपलब्ध कराई गई हैं जबकि डाक्टर ने इसकी कमी बताते हुए इलाज करने से इनकार कर दिया। रात के अंधेरे में दूरदराज से जीवन की आस लेकर आए मरीज और उनके तीमारदार हलकान रहे। भटकते रहे, परेशान रहे। लेकिन स्वाभिमान ऐसा डॉक्टर और स्टाफ नर्स का टकराया की रात भर तीमारदार और उसमें पिसते रहे।


Conclusion:बाइट : मैंने केंद्रीय औषधि भंडार परभारी, डाक्टर और स्टाफ नर्स दोनों को बुलाया। दोनों को समझाया। मैंने उन्हें मोटिवेट भी किया कि आप बहुत बेहतरीन काम करते हैं। ऐसे दवाओं के लिए आपस में विवाद करना और स्वास्थ्य को प्रभावित करना ठीक नहीं है। यह कतई नहीं होना चाहिए कि उन्होंने मांगा नहीं, हमने दिया नहीं। कर्तव्य की कमी कतई नहीं होनी चाहिए।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ वी बी सिंह



आशुतोष मिश्रा, सुल्तानपुर , 94 15049 256
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