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सुलतानपुर: कोरोना संदिग्ध के शव को छूने से कतराते रहे स्वास्थ्य कर्मी

सुलतानपुर में चार दिन पहले कानपुर से अपने घर लौटे एक व्यक्ति की अचानक तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई. मृतक के कोरोना संदिग्ध होने के चलते सीएचसी में हड़कम्प मच गया. डॉक्टर्स समेत पूरा स्टाफ अस्पताल से बाहर भाग गए. ऐसे में मृतक का शव पूरे दिन अस्पताल में ही पड़ा रहा.

Corona suspects died in sultanpur
कोरोना संदिग्ध मौत के बाद ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई
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Published : Jun 9, 2020, 5:41 AM IST

सुलतानपुर: चांदा थाना क्षेत्र के धौरहरा गांव निवासी वीरेंद्र पाण्डेय की रात में अचानक तबीयत खराब हो गई. इसके बाद उन्हें समुदायिक स्वास्थ केन्द्र में भर्ती किया गया, जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. सीएचसी प्रभारी एएन राय ने चांदा थाने को पत्र लिखकर मौत को संदिग्ध बताया है.

वीरेंद्र पाण्डेय चार दिन पहले कानपुर शहर से अपने घर आया थे. रविवार की शाम को तबीयत खराब के चलते उन्हें सीएचसी प्रतापपुर ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया. बाद में सीएचसी प्रभारी ने पुलिस को पत्र लिखकर अपना पल्ला झाड़ लिया. वहीं कोरोना संदिग्ध मौत की सूचना से लोगों में हड़कम्प मच गया. लोग सीएचसी से बाहर निकल गए. ओपीडी सेवाएं भी बंद कर दी गईं. मामला पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच फंसा पड़ा रहा.

सोशल मीडिया पर खबर चलने और प्रशासन की किरकिरी होता देख जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लिया और चिकित्साधिकारी को तत्काल शव के पोस्टमार्टम कराने की बात कही. शाम 7 बजे के बाद परिजनों ने अपने निजी वाहन से शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए. पूरे दिन मृतक का शव अस्पताल में पड़ा रहा.

सुलतानपुर: चांदा थाना क्षेत्र के धौरहरा गांव निवासी वीरेंद्र पाण्डेय की रात में अचानक तबीयत खराब हो गई. इसके बाद उन्हें समुदायिक स्वास्थ केन्द्र में भर्ती किया गया, जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. सीएचसी प्रभारी एएन राय ने चांदा थाने को पत्र लिखकर मौत को संदिग्ध बताया है.

वीरेंद्र पाण्डेय चार दिन पहले कानपुर शहर से अपने घर आया थे. रविवार की शाम को तबीयत खराब के चलते उन्हें सीएचसी प्रतापपुर ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया. बाद में सीएचसी प्रभारी ने पुलिस को पत्र लिखकर अपना पल्ला झाड़ लिया. वहीं कोरोना संदिग्ध मौत की सूचना से लोगों में हड़कम्प मच गया. लोग सीएचसी से बाहर निकल गए. ओपीडी सेवाएं भी बंद कर दी गईं. मामला पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच फंसा पड़ा रहा.

सोशल मीडिया पर खबर चलने और प्रशासन की किरकिरी होता देख जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लिया और चिकित्साधिकारी को तत्काल शव के पोस्टमार्टम कराने की बात कही. शाम 7 बजे के बाद परिजनों ने अपने निजी वाहन से शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए. पूरे दिन मृतक का शव अस्पताल में पड़ा रहा.

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