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सुलतानपुर: नगरीय समाधान दिवस से टूटी फरियादियों की आस - नगरी समाधान दिवस सुलतानपुर

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में फरियादी नगरी समाधान दिवस में आने से अब गुरेज करने लगे हैं. इसकी वजह यह है कि शिकायतें ऑनलाइन नहीं होती हैं. इसका गुणवत्ता पूर्ण ढंग से भी निस्तारण नहीं होता है.

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नगरीय समाधान दिवस में नहीं पहुंच रहे फरियादी.
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Published : Feb 10, 2020, 3:20 PM IST

सुलतानपुर: जिले में नगरीय समाधान दिवस से लोगों की आस अब टूटती दिख रही है. नगर पालिका क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने कि सरकार की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है. अधिकारी और कर्मचारियों की उपेक्षा से फरियादी सुलतानपुर के नगरी समाधान दिवस में आने से गुरेज करने लगे हैं. इसकी वजह यह है कि शिकायतें ऑनलाइन नहीं होती हैं, जिसकी वजह से इनका गुणवत्ता पूर्ण ढंग से निस्तारण भी नहीं हो पाता है.

नगरीय समाधान दिवस में नहीं पहुंच रहे फरियादी.

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से महीने के दूसरे सोमवार को नगरीय समाधान दिवस आयोजित करने की व्यवस्था है. इसके तहत नगर पालिका में एक कक्ष निर्धारित है, जिसमें अधिकारी लोगों की समस्याएं सुनते हैं. उसे पंजीकृत किया जाता है. उसका एक सप्ताह के भीतर निस्तारण भी किया जाता है. शिकायतों का उसी दिन निस्तारण करने का भी प्रावधान है. इसमें समाधान दिवस में प्रशासनिक अधिकारियों के भी आने की व्यवस्था की गई है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के नहीं आने से फरियादियों ने आना बंद कर दिया है.

जिलाधिकारी के जनता दर्शन कार्यक्रम और कलेक्ट्रेट के सामने होने से फरियादी ज्यादातर प्रशासनिक अधिकारियों के पास जाते हैं. नगरीय समाधान दिवस में आने की उपेक्षा फरियादियों की ओर से देखी जा रही है.
-रविंद्र कुमार,अधिशासी अधिकारी

सुलतानपुर: जिले में नगरीय समाधान दिवस से लोगों की आस अब टूटती दिख रही है. नगर पालिका क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने कि सरकार की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है. अधिकारी और कर्मचारियों की उपेक्षा से फरियादी सुलतानपुर के नगरी समाधान दिवस में आने से गुरेज करने लगे हैं. इसकी वजह यह है कि शिकायतें ऑनलाइन नहीं होती हैं, जिसकी वजह से इनका गुणवत्ता पूर्ण ढंग से निस्तारण भी नहीं हो पाता है.

नगरीय समाधान दिवस में नहीं पहुंच रहे फरियादी.

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से महीने के दूसरे सोमवार को नगरीय समाधान दिवस आयोजित करने की व्यवस्था है. इसके तहत नगर पालिका में एक कक्ष निर्धारित है, जिसमें अधिकारी लोगों की समस्याएं सुनते हैं. उसे पंजीकृत किया जाता है. उसका एक सप्ताह के भीतर निस्तारण भी किया जाता है. शिकायतों का उसी दिन निस्तारण करने का भी प्रावधान है. इसमें समाधान दिवस में प्रशासनिक अधिकारियों के भी आने की व्यवस्था की गई है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के नहीं आने से फरियादियों ने आना बंद कर दिया है.

जिलाधिकारी के जनता दर्शन कार्यक्रम और कलेक्ट्रेट के सामने होने से फरियादी ज्यादातर प्रशासनिक अधिकारियों के पास जाते हैं. नगरीय समाधान दिवस में आने की उपेक्षा फरियादियों की ओर से देखी जा रही है.
-रविंद्र कुमार,अधिशासी अधिकारी

Intro: शीर्षक : सुलतानपुर : नगरीय समाधान दिवस से टूटी आस, फरियादी प्रशासन के पास। -----–- नोट : सर.रोटीन में लगा लें। ------- एंकर : नगरीय समाधान दिवस आयोजित कर नगर पालिका क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने कि सरकार की मंशा पर पानी फिरने लगा है। अधिकारी कर्मचारियों की उपेक्षा से फरियादी सुल्तानपुर के नगरी समाधान दिवस में आने से गुरेज करने लगे हैं । इसकी वजह यह है कि शिकायतें ऑनलाइन नहीं होती हैं । इनका गुणवत्ता पूर्ण ढंग से निस्तारण नहीं होता है।


Body:वीओ ; उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से माह के दूसरे सोमवार को नगरीय समाधान दिवस आयोजित करने की व्यवस्था है। इसके तहत नगर पालिका में एक कक्ष निर्धारित है। जिसमें अधिकारी लोगों की समस्याएं सुनते हैं । उसे पंजीकृत किया जाता है और उसका 1 सप्ताह के भीतर निस्तारण किया जाता है। शिकायतों का उसी दिन निस्तारण करने का भी प्रावधान है । इसमें प्रशासनिक अधिकारियों के भी आने की व्यवस्था की गई है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के नहीं आने से या फरियादी आना पसंद नहीं करते हैं। शुरुआत में जिला अधिकारी स्वयं नगरी समाधान दिवस में उपस्थित होती थी। जिससे सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहते थे और शिकायतों का तात्कालिक निदान किया जाता था । सोमवार को महज एक फरियादी समाधान दिवस में शिकायत लेकर पहुंचा है।


Conclusion:बाइट :.अधिशासी अधिकारी रविंद्र कुमार कहते हैं कि जिलाधिकारी के जनता दर्शन और कलेक्ट्रेट के सामने होने से फरियादी ज्यादातर प्रशासनिक अधिकारियों के पास जाते हैं। नगरीय समाधान दिवस में आने की उपेक्षा फरियादियों की ओर से देखी जा रही है। आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 15049 256
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