सुलतानपुर: जिले के चीनी मिल में गन्ने की पेराई के बाद जो कचरा निकलता है. उसे मिल परिसर में ही रख दिया जाता है, जो धीरे-धीरे सड़ता है और उससे खाद बनती है. इस दौरान गन्ना मिल में काम करने वाले कर्मचारी और स्थानीय आबादी का जीना मुहाल रहता है क्योंकि सड़न से इतनी दुर्गंध फैलती है कि संक्रामक रोग भी पांव पसारने लगते हैं.
- चीनी मिल में गन्ने की पेराई के बाद जो कचरा निकलता है, उससे संक्रामक रोग पांव पसारते हैं.
- कोजन प्लांट में इस गन्ने के अपशिष्ट पदार्थ से बिजली बनाई जाएगी.
- उस बिजली को बिजली विभाग को दिया जाएगा.
- चीनी मिल के इस बिजलीघर कवायद के पीछे मेनका गांधी ने हाथ लगाया है.
कोजन का प्लांट लगाया जा रहा है. जिससे बिजली तैयार की जाएगी. गन्ने की खोईया को बगास कहते हैं. इसके जरिए बिजली बनाई जाएगी. उत्पादन बढ़ाया जाएगा और गन्ने की खपत भी चीनी मिल में बढ़ेगी.
-रामजी सिंह, महाप्रबंधक चीनी मिल