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सुलतानपुर: चीनी मिल को कोजन प्लांट की सौगात, कचरे से बनेगी बिजली

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Published : Aug 16, 2019, 11:25 AM IST

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में चीनी मिल में गन्ने की पेराई के बाद निकलने वाले कचरे से बिजली बनाने के लिए एक नया प्लांट तैयार किया जा रहा है. संजय गांधी द्वारा स्थापित चीनी मिल के जीर्णोद्धार करने का का सांसद मेनका गांधी ने निर्णय लिया है.

सुलतानपुर चीनी मिल को कोजन प्लांट की सौगात.

सुलतानपुर: जिले के चीनी मिल में गन्ने की पेराई के बाद जो कचरा निकलता है. उसे मिल परिसर में ही रख दिया जाता है, जो धीरे-धीरे सड़ता है और उससे खाद बनती है. इस दौरान गन्ना मिल में काम करने वाले कर्मचारी और स्थानीय आबादी का जीना मुहाल रहता है क्योंकि सड़न से इतनी दुर्गंध फैलती है कि संक्रामक रोग भी पांव पसारने लगते हैं.

चीनी मिल को कोजन प्लांट को सौगात
संजय गांधी ने किया था इस चीनी मिल को स्थापित-
  • चीनी मिल में गन्ने की पेराई के बाद जो कचरा निकलता है, उससे संक्रामक रोग पांव पसारते हैं.
  • कोजन प्लांट में इस गन्ने के अपशिष्ट पदार्थ से बिजली बनाई जाएगी.
  • उस बिजली को बिजली विभाग को दिया जाएगा.
  • चीनी मिल के इस बिजलीघर कवायद के पीछे मेनका गांधी ने हाथ लगाया है.

कोजन का प्लांट लगाया जा रहा है. जिससे बिजली तैयार की जाएगी. गन्ने की खोईया को बगास कहते हैं. इसके जरिए बिजली बनाई जाएगी. उत्पादन बढ़ाया जाएगा और गन्ने की खपत भी चीनी मिल में बढ़ेगी.
-रामजी सिंह, महाप्रबंधक चीनी मिल

सुलतानपुर: जिले के चीनी मिल में गन्ने की पेराई के बाद जो कचरा निकलता है. उसे मिल परिसर में ही रख दिया जाता है, जो धीरे-धीरे सड़ता है और उससे खाद बनती है. इस दौरान गन्ना मिल में काम करने वाले कर्मचारी और स्थानीय आबादी का जीना मुहाल रहता है क्योंकि सड़न से इतनी दुर्गंध फैलती है कि संक्रामक रोग भी पांव पसारने लगते हैं.

चीनी मिल को कोजन प्लांट को सौगात
संजय गांधी ने किया था इस चीनी मिल को स्थापित-
  • चीनी मिल में गन्ने की पेराई के बाद जो कचरा निकलता है, उससे संक्रामक रोग पांव पसारते हैं.
  • कोजन प्लांट में इस गन्ने के अपशिष्ट पदार्थ से बिजली बनाई जाएगी.
  • उस बिजली को बिजली विभाग को दिया जाएगा.
  • चीनी मिल के इस बिजलीघर कवायद के पीछे मेनका गांधी ने हाथ लगाया है.

कोजन का प्लांट लगाया जा रहा है. जिससे बिजली तैयार की जाएगी. गन्ने की खोईया को बगास कहते हैं. इसके जरिए बिजली बनाई जाएगी. उत्पादन बढ़ाया जाएगा और गन्ने की खपत भी चीनी मिल में बढ़ेगी.
-रामजी सिंह, महाप्रबंधक चीनी मिल

Intro:एक्सक्लूसिव स्टोरी
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शीर्षक : चीनी मिल को कोजन प्लांट की सौगात बनेगी कचरे से बिजली।



सुल्तानपुर चीनी मिल में गन्ने की पेराई के बाद निकलने वाले कचरे की बदबू स्थानीय लोगों को नहीं झेल नहीं होगी। कोजन से बिजली बनाने के लिए एक नया प्लांट तैयार किया जा रहा है। लगभग 10 लाख की लागत से तैयार हो रही इस बिजलीघर कवायद के पीछे मेनका गांधी ने हाथ लगाया है। संजय गांधी की स्थापित चीनी मिल के जीर्णोद्धार का सांसद मेनका गांधी ने निर्णय लिया है।


Body:वॉइस ओवर : अमूमन चीनी मिल में गन्ने की पढ़ाई के बाद जो कचरा निकलता है। उसे मिल परिसर में ही रख दिया जाता है। धीरे-धीरे सड़ता है और खाद बनती है। जिसके बाद इसका किसानों के बीच वितरण किया जाता है। लेकिन इस दौरान गन्ना मिल में काम करने वाले कर्मचारी और स्थानीय आबादी का जीना मुहाल रहता है। बदबू और सड़न से इतनी दुर्गंध फैलती है कि संक्रामक रोग भी पांव पसारने लगते हैं।


वॉइस ओवर : कोजन प्लांट में इस गन्ने के अपशिष्ट पदार्थ से बिजली बनाई जाएगी। उस बिजली को बिजली विभाग को दिया जाएगा और एवज में कमाई होगी। राष्ट्रहित में उर्जा का संरक्षण होगा। उत्पादन होगा। बिजली घरों पर दबाव कम होगा। सुल्तानपुर को यह कवायद मिलने जा रही है।


Conclusion:बाइट : चीनी मिल के महाप्रबंधक रामजी सिंह कहते हैं कि कोजन का प्लांट लगाया जा रहा है। कोजन प्लांट से बिजली तैयार की जाएगी। गन्ने की खोईया को बगास कहते हैं। इसके जरिए बिजली बनाई जाएगी। उत्पादन बढ़ाया जाएगा। गन्ने की खपत भी चीनी मिल में बढ़ेगी।



आशुतोष मिश्रा , सुल्तानपुर, 94 15049 256
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