सुलतानपुरः जिले में पीएम आवास योजना के तहत कागजों में गरीबी रेखा से नीचे और गरीबी रेखा पर जीवन यापन कर रहे हर परिवार को आवास उपलब्ध करा दिया गया है. हालांकि अभी भी कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें जरूरत के बाद भी आवास जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाई है. ऐसे ही बल्दीराय तहसील से जिलाधिकारी के पास पहुंचा हरीश कुमार का परिवार भी है. यह परिवार बीते 4 दिन से भूख प्यास से तड़पते हुए डीएम कार्यालय पर मदद की आस में पहुंचा. हरीश कुमार का कहना है कि उनकी पत्नी गर्भवती है, प्रधान ने गांव से निकाल दिया, वह दो मासूम बच्चों के साथ दर-दर की ठोकर खा रहे हैं.
सुलतानपुर: पीएम आवास योजना के लिए भटक रहा हरीश कुमार का परिवार
सुलतानपुर जिलाधिकारी कार्यालय में शुक्रवार को एक ऐसा परिवार आया जिसकी पत्नी गर्भवती है और दो मासूमों के साथ डीएम से रहने के लिए ठिकाना मांग रहा है. जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 5000 से अधिक परिवारों को उनके मकान दिए जा चुके हैं.
सुलतानपुरः जिले में पीएम आवास योजना के तहत कागजों में गरीबी रेखा से नीचे और गरीबी रेखा पर जीवन यापन कर रहे हर परिवार को आवास उपलब्ध करा दिया गया है. हालांकि अभी भी कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें जरूरत के बाद भी आवास जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाई है. ऐसे ही बल्दीराय तहसील से जिलाधिकारी के पास पहुंचा हरीश कुमार का परिवार भी है. यह परिवार बीते 4 दिन से भूख प्यास से तड़पते हुए डीएम कार्यालय पर मदद की आस में पहुंचा. हरीश कुमार का कहना है कि उनकी पत्नी गर्भवती है, प्रधान ने गांव से निकाल दिया, वह दो मासूम बच्चों के साथ दर-दर की ठोकर खा रहे हैं.
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शीर्षक : कहां है पीएम आवास योजना ; इनको तो अंबर दे रहा छांव, धरती दे रही बसेरा।
एंकर : वैसे तो सुल्तानपुर जिला पीएम आवास योजना से संतृप्त है। यानी गरीबी रेखा से नीचे और गरीबी रेखा पर जीवन यापन कर रहे हर परिवार को आवास उपलब्ध करा दिया गया है । लेकिन बल्दीराय तहसील से एक कुनबा 4 दिन से भूख प्यास से तड़पते हुए डीएम दरबार आया है। जो गर्भवती पत्नी और दो मासूम के साथ दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं । प्रधान ने गांव से निकाल दिया है। अब तो अंबर ही इनका आसरा है और धरती दे रही बसेरा।
Body:वीओ : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 5000 से अधिक परिवारों को उनके मकान दिए जा चुके हैं। कागजों में भेजी गई रिपोर्ट की तस्वीर देखें तो ऐसा कोई भी परिवार सुल्तानपुर जिले में नहीं है। जो बेघर और बेसहारा हो और उसे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ना मिला हो। लेकिन हकीकत कुछ और ही तस्वीर बयां कर रही है। जिलाधिकारी कार्यालय में शुक्रवार को एक ऐसा कुनबा सामने आया। जिसकी पत्नी गर्भवती और दो मासूमों के साथ डीएम से छांव के लिए ठिकाना मांग रहा है।
बाइट : बल्दीराय तहसील के लाला का पुरवा में पंचायत भवन में रह रहा हरीश कुमार कहता है कि 6 साल से सरकारी कार्यालय में दिन काट रहे हैं। ना खतौनी है और ना ही आवास की सुविधा। प्रधान ने गांव से निकाल दिया है। ऐसे में जिलाधिकारी के यहां ठिकाना मांगने आए हैं। 4 दिन से भूखे प्यासे हैं। पत्नी गर्भवती है कोई ठिकाना नहीं है कहां जाएं।
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Conclusion:वीओ : पीएम आवास योजना के तहत सुल्तानपुर जिले में पात्रता सत्यापन अभियान चलाया गया था। जिससे निराश्रित बेसहारा भूमिहीन लोगों को चिन्हित करने के लिए सेक्रेटरी और लेखपालों को निर्देश दिए गए थे। लेकिन असल तस्वीर यह है कि चहेतों को पात्र बना दिया गया और असल बेसहारों को छोड़ दिया गया। पूरे मामले में अधिकारी बयान देने से इंकार कर रहे हैं।
आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 15049 256