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गहरा रहा पानी का संकट, रिहंद के जलस्तर में तेज गिरावट - सोनभद्र समाचार हिंदी में

सोनभद्र में रिहंद जलाशय का जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. यहां से करीब 20 हजार मेगावाट बिजली पैदा करने वाली परियोजनाओं को पानी उपलब्ध कराया जाता है. अप्रैल महीने में ही जलस्तर जून के बराबर पहुंच गया है. इससे लोगों की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है.

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rihand reservoir in sonebhadra
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Published : Apr 30, 2022, 6:41 AM IST

सोनभद्र: जिले से करीब 20 हजार मेगावाट बिजली पैदा करने वाली परियोजनाओं को पानी उपलब्ध कराया जाता है. परियोजनाओं को पानी देने वाले रिहंद जलाशय का जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. अप्रैल में ही जलस्तर जून के बराबर पहुंच जाने से आने वाले दिनों को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. इन हालात में विद्युत परियोजनाओं को पहले ही बंद किया जा चुका है. अब जलस्तर को बनाए रखने की कोशिशें की जा रही हैं.

कोयला संकट से जूझती तापीय परियोजनाओं के लिए अब पानी का संकट भी गहराने लगा है. पिपरी में स्थापित रिहंद जलाशय से राज्य विद्युत उत्पादन निगम की अनपरा व निजी क्षेत्र की लैंको परियोजना के अलावा एनटीपीसी शक्तिनगर, एनटीपीसी रिहंद (बीजपुर), एनटीपीसी विंध्याचल व आसपास की अन्य निजी क्षेत्र की विद्युत उत्पादन इकाइयों को पानी उपलब्ध होता है. इन परियोजनाओं से निर्बाध आपूर्ति जारी रखने के लिए रिहंद बांध का जलस्तर 830 फीट से नीचे नहीं आना चाहिए. मौजूदा समय में रिहंद बांध का जलस्तर 843.3 फीट तक आ चुका है.

ये भी पढ़ें- भीषण गर्मी में रुला रही बिजली, गांव से लेकर शहरों में इस वजह से हाहाकार...

यह जलस्तर गत वर्ष अप्रैल के सापेक्ष तीन फीट से अधिक नीचे है. अप्रैल 2021 में रिहंद बांध का जलस्तर 846.9 फीट दर्ज किया गया था. बारिश शुरू होने तक जून में बांध का पानी 841.9 फीट तक पहुंच गया था. इस बार भीषण गर्मी के चलते अप्रैल में ही जलस्तर पिछले साल की जून के करीब तक पहुंच गया है. तापमान में वृद्धि और परियोजनाओं में पानी की खपत बढ़ने के साथ जलस्तर में तेजी से आ रही कमी ने अब कोयला संकट से जूझती परियोजनाओं के लिए नई चिंता बढ़ा दी है.

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सोनभद्र: जिले से करीब 20 हजार मेगावाट बिजली पैदा करने वाली परियोजनाओं को पानी उपलब्ध कराया जाता है. परियोजनाओं को पानी देने वाले रिहंद जलाशय का जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. अप्रैल में ही जलस्तर जून के बराबर पहुंच जाने से आने वाले दिनों को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. इन हालात में विद्युत परियोजनाओं को पहले ही बंद किया जा चुका है. अब जलस्तर को बनाए रखने की कोशिशें की जा रही हैं.

कोयला संकट से जूझती तापीय परियोजनाओं के लिए अब पानी का संकट भी गहराने लगा है. पिपरी में स्थापित रिहंद जलाशय से राज्य विद्युत उत्पादन निगम की अनपरा व निजी क्षेत्र की लैंको परियोजना के अलावा एनटीपीसी शक्तिनगर, एनटीपीसी रिहंद (बीजपुर), एनटीपीसी विंध्याचल व आसपास की अन्य निजी क्षेत्र की विद्युत उत्पादन इकाइयों को पानी उपलब्ध होता है. इन परियोजनाओं से निर्बाध आपूर्ति जारी रखने के लिए रिहंद बांध का जलस्तर 830 फीट से नीचे नहीं आना चाहिए. मौजूदा समय में रिहंद बांध का जलस्तर 843.3 फीट तक आ चुका है.

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यह जलस्तर गत वर्ष अप्रैल के सापेक्ष तीन फीट से अधिक नीचे है. अप्रैल 2021 में रिहंद बांध का जलस्तर 846.9 फीट दर्ज किया गया था. बारिश शुरू होने तक जून में बांध का पानी 841.9 फीट तक पहुंच गया था. इस बार भीषण गर्मी के चलते अप्रैल में ही जलस्तर पिछले साल की जून के करीब तक पहुंच गया है. तापमान में वृद्धि और परियोजनाओं में पानी की खपत बढ़ने के साथ जलस्तर में तेजी से आ रही कमी ने अब कोयला संकट से जूझती परियोजनाओं के लिए नई चिंता बढ़ा दी है.

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