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इन 11 गांवों के लोग अंतिम बार करेंगे विधानसभा चुनाव में वोट, ये है वजह

यूपी के सोनभद्र में 11 गांव के ग्रामीण इस विधानसभा चुनाव में अंतिम बार मतदान करेंगे. इसके बाद इनका गांव अतीत का हिस्सा हो जाएगा. इन ग्रामीणों के लिए यह भावुक कर देने वाला क्षण है.

11 गांवों के लोग अंतिम बार करेंगे विधानसभा चुनाव में वोट
11 गांवों के लोग अंतिम बार करेंगे विधानसभा चुनाव में वोट
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Published : Jan 18, 2022, 9:58 PM IST

सोनभद्र: उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल चल रहा है. हर शख्स वोट देने और नई सरकार बनाने के लिए उत्साहित हैं, लेकिन सोनभद्र के दुद्धी तहसील क्षेत्र के 11 गांव के ग्रामीण इस विधानसभा चुनाव में अंतिम बार मतदान करेंगे. इन लोगों के चेहरे पर मायूसी है. चुनाव बीत जाने के बाद ये गांव अतीत का हिस्सा हो जाएंगे. दरअसल, सोनभद्र जिले का यह गांव निर्माणाधीन कनहर बांध के डूब क्षेत्र में है. इसी साल के अंत में बांध के पूर्णं होते ही यह गांव पानी में समा जाएंगे. विस्थापन के बाद यहां के लोगों को नई पहचान तो मिल जाएगी, लेकिन उनके गांव का अस्तित्व नहीं रहेगा. इन ग्रामीणों के लिए यह भावुक कर देने वाला क्षण है. ग्रामीण इस बात से भी परेशान हैं कि उन्हें मुआवजा तो जरूर मिला, लेकिन खेती और घर समेत उनकी जीविका का साधन छिन गया है.

हम सब बिछड़ जाएंगे

सोनभद्र के दुद्धी तहसील क्षेत्र में 6 अक्टूबर 1976 में ही कनहर परियोजना का शिलान्यास हुआ था, लेकिन बाद में कार्य रुक जाने के कारण वर्ष 2012 में कनहर परियोजना का कार्य फिर से शुरू हुआ. भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के मुताबिक डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामीणों को मुआवजा दिया गया. डूब क्षेत्र की तीन पीढ़ी के लोगों को 7 लाख 11 हजार का मुआवजा और आवासीय प्लाट उपलब्ध कराया गया है. कोरची, सुंदरी, लांबी, गोहड़ा, संदह, भीसुर, सुगवामान, अमवार, बाघडू, कुदरी और कसीवाखांड गांव डूब क्षेत्र में आते हैं. इन गांव में लगभग 50 हजार लोगों की आबादी है. यहां के ग्रामीणों का कहना है कि हमारे मकान, खेत, मंदिर और सगे संबंधी सब आपस में बिछड़ जाएंगे और उन्हें आवासीय परियोजना में शिफ्ट होना पड़ेगा. ग्रामीणों का ये भी कहना है कि अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है. सरकार ने डूब क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ऊंचे स्थानों के लोगों को मुआवजे का पात्र नहीं समझा है, इसलिए उनकी मांग है कि सभी को वर्तमान महंगाई के अनुसार उनकी मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए.

11 गांवों के लोग अंतिम बार करेंगे विधानसभा चुनाव में वोट

अंतिम बार मतदान करने का आ गया समय

कोरची गांव के ग्राम प्रधान रामलाल ने कहा कि वह लगातार जिला प्रशासन से छूटे हुए लोगों को मुआवजा देने, लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने और बढ़ती महंगाई के अनुसार मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने उनकी समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दिया. अब इस विधानसभा चुनाव में अंतिम बार मतदान करने का समय भी आ गया है, लेकिन अगर प्रशासन ने उनकी समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दिया तो ग्रामीण आगामी चुनाव में मतदान का बहिष्कार भी कर सकते हैं.

एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि 6 माह के भीतर ही सभी लोगों को उनके गांव में शिफ्ट कर दिया जाएगा और उनका नया कार्ड भी बना दिया जाएगा. नए स्थान से उनका वोटर कार्ड बना दिया जाएगा.

सोनभद्र: उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल चल रहा है. हर शख्स वोट देने और नई सरकार बनाने के लिए उत्साहित हैं, लेकिन सोनभद्र के दुद्धी तहसील क्षेत्र के 11 गांव के ग्रामीण इस विधानसभा चुनाव में अंतिम बार मतदान करेंगे. इन लोगों के चेहरे पर मायूसी है. चुनाव बीत जाने के बाद ये गांव अतीत का हिस्सा हो जाएंगे. दरअसल, सोनभद्र जिले का यह गांव निर्माणाधीन कनहर बांध के डूब क्षेत्र में है. इसी साल के अंत में बांध के पूर्णं होते ही यह गांव पानी में समा जाएंगे. विस्थापन के बाद यहां के लोगों को नई पहचान तो मिल जाएगी, लेकिन उनके गांव का अस्तित्व नहीं रहेगा. इन ग्रामीणों के लिए यह भावुक कर देने वाला क्षण है. ग्रामीण इस बात से भी परेशान हैं कि उन्हें मुआवजा तो जरूर मिला, लेकिन खेती और घर समेत उनकी जीविका का साधन छिन गया है.

हम सब बिछड़ जाएंगे

सोनभद्र के दुद्धी तहसील क्षेत्र में 6 अक्टूबर 1976 में ही कनहर परियोजना का शिलान्यास हुआ था, लेकिन बाद में कार्य रुक जाने के कारण वर्ष 2012 में कनहर परियोजना का कार्य फिर से शुरू हुआ. भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के मुताबिक डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामीणों को मुआवजा दिया गया. डूब क्षेत्र की तीन पीढ़ी के लोगों को 7 लाख 11 हजार का मुआवजा और आवासीय प्लाट उपलब्ध कराया गया है. कोरची, सुंदरी, लांबी, गोहड़ा, संदह, भीसुर, सुगवामान, अमवार, बाघडू, कुदरी और कसीवाखांड गांव डूब क्षेत्र में आते हैं. इन गांव में लगभग 50 हजार लोगों की आबादी है. यहां के ग्रामीणों का कहना है कि हमारे मकान, खेत, मंदिर और सगे संबंधी सब आपस में बिछड़ जाएंगे और उन्हें आवासीय परियोजना में शिफ्ट होना पड़ेगा. ग्रामीणों का ये भी कहना है कि अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है. सरकार ने डूब क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ऊंचे स्थानों के लोगों को मुआवजे का पात्र नहीं समझा है, इसलिए उनकी मांग है कि सभी को वर्तमान महंगाई के अनुसार उनकी मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए.

11 गांवों के लोग अंतिम बार करेंगे विधानसभा चुनाव में वोट

अंतिम बार मतदान करने का आ गया समय

कोरची गांव के ग्राम प्रधान रामलाल ने कहा कि वह लगातार जिला प्रशासन से छूटे हुए लोगों को मुआवजा देने, लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने और बढ़ती महंगाई के अनुसार मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने उनकी समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दिया. अब इस विधानसभा चुनाव में अंतिम बार मतदान करने का समय भी आ गया है, लेकिन अगर प्रशासन ने उनकी समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दिया तो ग्रामीण आगामी चुनाव में मतदान का बहिष्कार भी कर सकते हैं.

एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि 6 माह के भीतर ही सभी लोगों को उनके गांव में शिफ्ट कर दिया जाएगा और उनका नया कार्ड भी बना दिया जाएगा. नए स्थान से उनका वोटर कार्ड बना दिया जाएगा.

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