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आदिवासियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा-"जो जमीन सरकारी है, वह जमीन हमारी है" - भाकपा माले ने किया विरोध प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में आदिवासियों ने भाकपा माले के बैनर तले प्रदर्शन किया. आरोप है कि सरकार जिस जमीन पर आदिवासियों की आबादी बसी है, उसे सरकार नोटिस देकर खाली करने का दबाव बना रही है.

आदिवासियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा.
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Published : Oct 16, 2019, 10:37 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र : "जो जमीन सरकारी है, वह जमीन हमारी है" यह नारा मंगलवार को जिले के सदर तहसील में भाकपा माले के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों ने लगाया. अखिल भारतीय खेत मजदूर एवं ग्रामीण मजदूर सभा ने मांग कि है जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है. उस पर हमें अधिकार दिया जाए. इन आदिवासियों की मांग है कि गांव के सरकारी भूमि पर लोग बसे हुए हैं और जिला प्रशासन नोटिस जारी करके उन्हें जमीन से बेदखल कर रहा है. लिहाजा उन्हें ऐसा करने से रोका जाए.

आदिवासियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा.

आदिवासियों को नहीं मिलीं मूलभूत सुविधाएं
भाकपा माले के राज्य स्थाई समिति के सदस्य शशिकांत ने कहा कि गांव-गांव जाकर सर्वे किया जा रहा है, तो सच्चाई यह है कि जिस जमीन पर गरीब आबादी बसी है, उसे नोटिस देकर खाली करने को कहा जा रहा है. वहीं गांव के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली हैं. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.

गांव -गांव गरीबों के बीच बेरोजगारी की फौज खड़ी
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भाजपा सरकार ने मनरेगा योजना को ठंडे बस्ते में डालकर गांव-गांव गरीबों के बीच बेरोजगारी की फौज खड़ी कर दी है. वहीं गांव के लोग बड़े पैमाने पर आवास, शौचालय, शुद्ध पेयजल से वंचित हैं.

सोनभद्र : "जो जमीन सरकारी है, वह जमीन हमारी है" यह नारा मंगलवार को जिले के सदर तहसील में भाकपा माले के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों ने लगाया. अखिल भारतीय खेत मजदूर एवं ग्रामीण मजदूर सभा ने मांग कि है जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है. उस पर हमें अधिकार दिया जाए. इन आदिवासियों की मांग है कि गांव के सरकारी भूमि पर लोग बसे हुए हैं और जिला प्रशासन नोटिस जारी करके उन्हें जमीन से बेदखल कर रहा है. लिहाजा उन्हें ऐसा करने से रोका जाए.

आदिवासियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा.

आदिवासियों को नहीं मिलीं मूलभूत सुविधाएं
भाकपा माले के राज्य स्थाई समिति के सदस्य शशिकांत ने कहा कि गांव-गांव जाकर सर्वे किया जा रहा है, तो सच्चाई यह है कि जिस जमीन पर गरीब आबादी बसी है, उसे नोटिस देकर खाली करने को कहा जा रहा है. वहीं गांव के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली हैं. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.

गांव -गांव गरीबों के बीच बेरोजगारी की फौज खड़ी
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भाजपा सरकार ने मनरेगा योजना को ठंडे बस्ते में डालकर गांव-गांव गरीबों के बीच बेरोजगारी की फौज खड़ी कर दी है. वहीं गांव के लोग बड़े पैमाने पर आवास, शौचालय, शुद्ध पेयजल से वंचित हैं.

Intro:Anchor- "जो जमीन सरकारी है, वह जमीन हमारी है" यह नारा आज सोनभद्र के सदर तहसील में भाकपा माले के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों ने लगाया। अखिल भारतीय खेत मजदूर एवं ग्रामीण मजदूर सभा के तत्वाधान में एक दिवसीय धरना एवं सभा के माध्यम से यह मांग किया गया कि जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है। उस पर हमारा अधिकार दिया जाए। इन आदिवासियों की मांग है कि गांव के सरकारी भूमि पर लोग बसे हुए हैं, और जिला प्रशासन नोटिस जारी करके उन्हें जमीन से बेदखल कर रहा है। वहीं भाकपा माले के राज्य स्थाई समिति के सदस्य शशिकांत ने कहा कि गांव-गांव जाकर सर्वे किया जा रहा है ,तो सच्चाई यह है कि जिस जमीन पर गरीब आवाद हैं, उसे नोटिस देकर खाली करने को कहा जा रहा है। उसके साथ ही गांव में लोगों के पास रोजगार नहीं है ,पीने के लिए पानी नहीं है, गरीबों को सरकारी गल्ला की दुकानों से मिलने वाला राशन में कटौती किया जा रहा है, वनाधिकार के तहत उन्हें उनकी जमीनों पर मालिकाना हक नहीं दिया जा रहा है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।


Body:Vo1- सोनभद्र में सदर तहसील प्रांगण में भाकपा माले और अखिल भारतीय खेत मजदूर एवं ग्रामीण मजदूर सभा के तत्वाधान में एक दिवसीय धरना एवं सभा के माध्यम से मांग पत्र दिया गया। वही सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने मनरेगा कानून को ठंडे बस्ते में डालकर गांव -गांव गरीबों के बीच बेरोजगारी की फौज खड़ा कर दिया है, आज भी गांव के गरीब बड़े पैमाने पर आवास, शौचालय ,शुद्ध पेयजल से वंचित हैं। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने गगनभेदी नारे लगाते हुए कहा कि जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है, सरकारी जमीन पर मालिकाना हक हम लेकर रहेंगे।


Conclusion:Vo2- भाकपा माले के राज्य स्थाई समिति के सदस्य शशिकांत ने कहा कि गांव-गांव जाकर सर्वे किया गया तो सच्चाई यह है कि जिस जमीन पर गरीब आबाद हैं उसे नोटिस देकर खाली करने को कहा जा रहा है। इसके साथ ही गांव में लोगों के पास रोजगार नहीं है, पीने के लिए पानी नहीं है, गरीबों को सरकारी गल्ला की दुकानों से मिलने वाला राशन में कटौती किया जा रहा है। वनाधिकार के तहत उन्हें उनकी जमीनों पर मालिकाना हक नहीं दिया जा रहा है ।इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां आदिवासियों ने जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है, का नारा लगाया क्योंकि जिला प्रशासन उन्हें नोटिस देकर उजाड़ रहा है, जबकि गांव में बंजर ग्राम समाज की जमीन पर गरीब बसा हुआ है।


Byte-शशिकांत(भाकपा माले राज्य स्थाई समिति के सदस्य)


चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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