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बदहाली की कगार पर पहुंचा सोनभद्र का फॉसिल्स पार्क - सोनभद्र की खबरें

जिलs का ये फॉसिल्स पार्क विश्व परिदृश्य में अमेरिका के येलो स्टोन नेशनल पार्क से भी बड़ा पार्क है. लेकिन केंद्र व राज्य सरकार के उपेक्षित रवैये के कारण आज भी यह पार्क संरक्षण के अभाव में उपेक्षित पड़ा हुआ है.

सोनभद्र का फॉसिल्स पार्क पहुंचा बदहाली की कगार पर
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Published : Jun 30, 2019, 10:10 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जिले को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में फॉसिल्स पार्क सलखन का महत्वपूर्ण योगदान है. सलखन व अगोरी में फॉसिल्स की उपलब्धता ने न सिर्फ जिले को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई, बल्कि जनपद के सांस्कृतिक इतिहास को भी करोड़ों वर्ष पुराना कर दिया. जिलें में बना ये फासिल्स पार्क जीवन प्रारंभ होने के प्रमाण भी हैं.

सोनभद्र का फॉसिल्स पार्क पहुंचा बदहाली की कगार पर

प्रशासन को नहीं कोई सुध

  • जिला का ये फासिल्स पार्क विश्व परिदृश्य में अमेरिका के येलो स्टोन नेशनल पार्क से भी बड़ा पार्क है.
  • अमेरिका समेत 150 देशों के वैज्ञानिकों ने इसे फासिल्स बताते हुए अमेरिका के येलो स्टोन पार्क से भी अधिक होने की बात कही.
  • लेकिन केंद्र व राज्य सरकार के उपेक्षित रवैये के कारण आज भी यह पार्क संरक्षण के अभाव में उपेक्षित पड़ा हुआ है.

खुले में होने की वजह से यहां पर लोग आते थे और फॉसिल्स का तोड़फोड़ करते थे और पत्थर उठाकर ले जाते थे अब भी लोग आते हैं धमकाते हैं. अगर यहां पर सही ढंग से व्यवस्था कर दी जाए और चारों तरफ से संरक्षित कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

-रामलाल, चौकीदार, फासिल्स पार्क

सोनभद्र: जिले को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में फॉसिल्स पार्क सलखन का महत्वपूर्ण योगदान है. सलखन व अगोरी में फॉसिल्स की उपलब्धता ने न सिर्फ जिले को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई, बल्कि जनपद के सांस्कृतिक इतिहास को भी करोड़ों वर्ष पुराना कर दिया. जिलें में बना ये फासिल्स पार्क जीवन प्रारंभ होने के प्रमाण भी हैं.

सोनभद्र का फॉसिल्स पार्क पहुंचा बदहाली की कगार पर

प्रशासन को नहीं कोई सुध

  • जिला का ये फासिल्स पार्क विश्व परिदृश्य में अमेरिका के येलो स्टोन नेशनल पार्क से भी बड़ा पार्क है.
  • अमेरिका समेत 150 देशों के वैज्ञानिकों ने इसे फासिल्स बताते हुए अमेरिका के येलो स्टोन पार्क से भी अधिक होने की बात कही.
  • लेकिन केंद्र व राज्य सरकार के उपेक्षित रवैये के कारण आज भी यह पार्क संरक्षण के अभाव में उपेक्षित पड़ा हुआ है.

खुले में होने की वजह से यहां पर लोग आते थे और फॉसिल्स का तोड़फोड़ करते थे और पत्थर उठाकर ले जाते थे अब भी लोग आते हैं धमकाते हैं. अगर यहां पर सही ढंग से व्यवस्था कर दी जाए और चारों तरफ से संरक्षित कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

-रामलाल, चौकीदार, फासिल्स पार्क

Intro:स्पेशल

Anchor- सोनभद्र को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में फासिल्स पार्क सलखन का महत्वपूर्ण योगदान है सलखन व अगोरी में फॉसिल्स की उपलब्धता ने ना सिर्फ जिले को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई बल्कि जनपद के सांस्कृतिक इतिहास को भी करोड़ों वर्ष पुराना कर दिया। यहां के लोगों ने ना सिर्फ सोनभद्र में फासिल्स के बारे में लोगों को बताया बल्कि पृथ्वी पर जीवन प्रारंभ होने के प्रमाण भी उपलब्ध कराया और विश्व परिदृश्य में अमेरिका के येलो स्टोन नेशनल पार्क को बौना सिद्ध किया। 5 सितंबर 2002 को जब विश्व विख्यात भूवैज्ञानिक j Hafrken (कनाडा) यहां पहुंचे तो 150 वर्ष पुराने फॉसिल्स को देखकर अपनी प्रसन्नता नहीं रोक सके और नाचते हुए कहा कि पूरे विश्व में इससे खूबसूरत और स्पष्ट फॉसिल्स और कहीं नहीं है। अमेरिका समेत 150 देशों के वैज्ञानिकों ने इसे फासिल्स बताते हुए अमेरिका के येलो स्टोन पार्क से भी अधिक होने की बात कही। लेकिन केंद्र व राज्य सरकार के उपेक्षित रवैये के कारण आज भी यह पार्क संरक्षण के अभाव में उपेक्षित पड़ा हुआ है।


Body:Vo1- जनपद सोनभद्र के सलखन फॉसिल उत्तर प्रदेश का एकमात्र फॉसिल्स है जो अमेरिका के ऐलो स्टोन में मौजूद फासिल्स से कही बडा है। लेकिन यह महत्वपूर्ण धरोहर आज भी संरक्षण के अभाव में उपेक्षित पड़ा हुआ है।सलखन फासिल्स का यह इलाका इस बात का प्रमाण है कि यहां करोड़ो वर्ष पहले समुद्र की लहरें हिलोरे मारा करती थी जिसमे पेड़ पौधे थे वे आज फासिल्स के रूप में है। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर इस फॉसिल पार्क का को संरक्षित जाए तो निश्चित तौर पर आस-पास के बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा और इससे बेरोजगारी काफी हद तक दूर होगी।

Byte-मोहन गुप्ता(स्थानीय)


Conclusion:Vo2- वहीं फासिल स्पार्क का देखरेख कर रहे चौकीदार ने बताया कि पहले खुले में होने की वजह से यहां पर लोग आते थे और फासिल्स का तोड़फोड़ करते थे और पत्थर उठाकर ले जाते थे अब भी लोग आते हैं धमकाते हैं चमकाते हैं। अगर यहां पर सही ढंग से व्यवस्था कर दी जाए और चारों तरफ से संरक्षित कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

Byte-रामलाल(चौकीदार,फासिल्स पार्क)


नोट-पैकेज स्पेशल स्टोरी है।


चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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