सोनभद्र: आयुष्मान योजना मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और आकांक्षी योजनाओं में से एक है. इसके बावजूद जनपद आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने में सबसे फिसड्डी साबित हो रहा है. योजना की शुरूआत से अब तकतक 15% तक ही गोल्डन कार्ड बन पाए हैं.
इस स्थिति को देखते हुए डीएम ने इसकी कमान संभाली है. अब युद्ध स्तर पर इस पर काम किया जा रहा है. प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कैंप लगाकर कार्ड बनवाया जा रहा है. आयुष्मान योजना के तहत एक लाख 87 हजार परिवार के 9 लाख 9 हजार 175 सदस्यों का गोल्डन कार्ड बनाया जाना है, लेकिन डेढ़ साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी 1 लाख 32 हजार सदस्यों का गोल्डन कार्ड बन पाए हैं.
14 अप्रैल 2018 को हुई थी शुरुआत
आयुष्मान योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल 2018 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर से आरंभ की थी. इस योजना के तहत बीपीएल परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 5 लाख का मुफ्त इलाज प्रतिवर्ष मिलता है.
गरीब परिवार के लोग इलाज न होने की वजह से कई सारी बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. कभी-कभी तो उनको जीवन से भी हाथ धोना पड़ता है. गरीब परिवार के लोग पैसों की कमी की वजह से भी ठीक ढंग से इलाज नहीं करवा पाते, जिसके मद्देनजर इस योजना की शुरुआत की गई थी.
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हम इस योजना पर काफी तेजी से काम कर रहे हैं. लगभग 9 लाख लोगों के गोल्डेन कार्ड बनने हैं. पिछले महीने जो समीक्षा की गई उसमें अब तक 1 लाख 32 हजार कार्ड बन चुके हैं. अभी 1 लाख 87 हजार परिवार के 9 लाख सदस्यों का गोल्डेन कार्ड बनना वाकी है.
-डॉ. शशिकांत उपाध्याय, सीएमओ