सोनभद्र: साढ़े 6 वर्ष पूर्व हुए अन्ना हत्याकांड के मामले में शनिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषियों लोढू उर्फ कांति और टोसे उर्फ मदन को उम्रकैद के साथ 19-19 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद की सजा दोषियों को भुगतनी होगी. अदालत ने आदेश दिया कि दोषियों द्वारा जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, झारखंड के रांची जिला अंतर्गत जगरनाथपुर थाना के जगरनाथपुर गांव निवासी कुलदीप कुमार पासवान ने शक्तिनगर थाने में दी गई तहरीर में आरोप लगाया था कि उसका सगा भाई राजन उर्फ अन्ना शक्तिनगर थाना क्षेत्र के प्रेमनगर में परमेश्वर कुमार पासवान जो कि उसका ममेरा भाई है के यहां रह रहा था. 9 अगस्त 2016 की रात करीब 9 बजे अन्ना और उसका साथी आकाश घर पर बैठे थे कि अचानक प्रेमनगर निवासी लोढू आदिवासी और टोसे आदिवासी आ गए. ये लोग चाकू व डंडे से वार करने लगे. इससे अन्ना और आकाश को चोटें आईं. अन्ना को पास ही के एनटीपीसी के संजीवनी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसके सीने व पेट में गम्भीर चोट होने की वजह से डॉक्टरों ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया. उधर, लोढू व टोसे जान से मारने की धमकी देते हुए चले गए.
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तहरीर के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. पुलिस विवेचना के दौरान अन्ना की मौत हो गई. पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना. गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद लोढू उर्फ कांति व टोसे उर्फ मदन को उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही 19-19 हजार रुपये अर्थदंड लगाया. अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने की.