सोनभद्र: पद्म विभूषण पुरस्कार का ऐलान होने के बाद शास्त्रीय संगीत के पुरोधा और मशहूर ठुमरी गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सोनभद्र पहुंचे. इस दौरान उन्होंने एनआरसी और सीएए के मुद्दे के विषय में कहा कि सभी का अपना अलग-अलग मत हो सकता है. मोदी जी देश के लिए सब कुछ कर रहे हैं. वह देश का भला कर रहा है. वहीं उन्होंने कहा कि कलाकारों का सम्मान होना चाहिए और कलाकारों को युग के हिसाब से बदलना चाहिए और अपने में परिवर्तन लाना चाहिए.
जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी
पंडित छन्नूलाल मिश्र ने एनआरसी और सीएए के विषय में हो रहे विरोध के विषय में कहा कि लोगों के बीच की बात में हम कह सकते हैं मुंडे मुंडे मथिर भिन्न: जितने लोग हैं, उतना प्रकार है और उतनी ही बातें हैं. किसको हम खराब कहें, किसको अच्छा कहें. मोदी जी कोई गलत कार्य नहीं कर रहे हैं. वह अपने देश के लिए सब कुछ कर रहे हैं. उनका अपना स्वार्थ कुछ नहीं है. किसका क्या विचार है और सोच है, वही अपना जानेंगे. जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी.
संगीत की न जाति होती है और न ही धर्म
वहीं अदनान सामी को पद्म श्री पुरस्कार दिये जाने पर हो रहे विरोध के बारे में पूछे जाने पर पंडित छन्नूलाल मिश्र ने कहा कि संगीत की कोई जाति नहीं होती. यह गलत है. अगर कलाकार है तो उसकी कला का सम्मान होना चाहिए. उसमें जातीयता का सवाल हटा देना चाहिए. मेरे विचार से सब का गाना और संगीत अपनी जगह पर सही है चाहे वह पंजाबी, मुस्लिम, हिंदू गायक या कोई भी कलाकार हो.
सबसे अच्छा संगीत है शास्त्रीय संगीत
कलाकारों के विषय में उन्होंने कहा कि हर कलाकार को चाहिए समय के अनुसार कार्य करें. यह फास्ट युग है. इसमें हर चीज फास्ट होता है. शास्त्रीय संगीत को सुगम बनाकर पब्लिक के बीच में प्रस्तुत करें तो पब्लिक जरुर समझेगी. शास्त्रीय संगीत सबसे अच्छा संगीत है, लेकिन इसका रूप बिगड़ता जा रहा है. जो जितना जोर से चिल्लाता है तो उतना लोग कहेंगे कि वह बहुत अच्छा गाने वाला है.
ये भी पढ़ें: ज्यादा दिन राजनीति नहीं कर पाएंगे हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई का नारा देने वाले: विहिप