ETV Bharat / state

सोनभद्र: कलेजे के टुकड़े के शव को सीने से लगा बिलखती रही मां

यूपी के सोनभद्र से एक घटना सामने आई है, जो रूह कंपा देगी. दरअसल घोरावल के शिवद्वार क्षेत्र से महिला अपने डेढ़ वर्षीय बच्चे के इलाज के लिए जिला अस्पताल आई थी, लेकिन इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों से संपर्क न होने पर महिला बच्चे के शव को गोद में लिए अस्पताल के बाहर घंटों बिलखती रही.

author img

By

Published : Oct 19, 2020, 6:35 PM IST

सोनभद्र जिला अस्पताल के बाहर घंटों बिलखती रही महिला.
सोनभद्र जिला अस्पताल के बाहर घंटों बिलखती रही महिला.

सोनभद्र: जिला अस्पताल सोनभद्र के कर्मचारियों की लापरवाही उस समय सामने आई, जब एक महिला अपने मृत बच्चे के शव के साथ अस्पताल के बाहर बिलखती रही. बताया गया कि घोरावल के शिवद्वार क्षेत्र से महिला अपने डेढ़ वर्षीय बच्चे के इलाज के लिए जिला अस्पताल आई थी, लेकिन इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद महिला अपने परिजनों से संपर्क करने का प्रयास करती रही, लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो पाया और बच्चे के शव को लेकर जिला अस्पताल के बाहर बैठी रही.

बच्चे के शव को सीने से लगाकर रोती रही मां.

बच्चे के इलाज के लिए आई थी जिला अस्पताल
सोनभद्र के जिला मुख्यालय राबर्ट्सगंज से लगभग 45 किलोमीटर दूर घोरावल थाना क्षेत्र के शिवद्वार से रीना पत्नी सुरेश अपने डेढ़ वर्षीय बच्चे अमन के साथ इलाज के लिए आई थी. महिला रीना ने बताया कि उसके बच्चे को पहले बुखार आया. इसके बाद उसे उल्टी दस्त हुई. जब बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तो वह बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आई. जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.

अस्पताल ने नहीं दिया शव वाहन
अकेले जिला अस्पताल पहुंची महिला इसके बाद अस्पताल के बाहर बैठ कर बिलखती रही, लेकिन अस्पताल कर्मियों ने उसकी कोई सुध नहीं ली. वह अपने परिजनों से संपर्क करने का प्रयास करती रही, लेकिन नहीं हो पाया. इस दौरान अस्पताल की तरफ से उसे शव वाहन भी मुहैया नहीं कराया गया.

हालांकि बाद में अस्पताल में मौजूद तीमारदारों ने उसे भाड़े के वाहन से वापस घर भेज दिया. जब जिला अस्पताल के सीएमएस से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर से संपर्क करने की बात कही और फोन काट दिया.

सोनभद्र: जिला अस्पताल सोनभद्र के कर्मचारियों की लापरवाही उस समय सामने आई, जब एक महिला अपने मृत बच्चे के शव के साथ अस्पताल के बाहर बिलखती रही. बताया गया कि घोरावल के शिवद्वार क्षेत्र से महिला अपने डेढ़ वर्षीय बच्चे के इलाज के लिए जिला अस्पताल आई थी, लेकिन इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद महिला अपने परिजनों से संपर्क करने का प्रयास करती रही, लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो पाया और बच्चे के शव को लेकर जिला अस्पताल के बाहर बैठी रही.

बच्चे के शव को सीने से लगाकर रोती रही मां.

बच्चे के इलाज के लिए आई थी जिला अस्पताल
सोनभद्र के जिला मुख्यालय राबर्ट्सगंज से लगभग 45 किलोमीटर दूर घोरावल थाना क्षेत्र के शिवद्वार से रीना पत्नी सुरेश अपने डेढ़ वर्षीय बच्चे अमन के साथ इलाज के लिए आई थी. महिला रीना ने बताया कि उसके बच्चे को पहले बुखार आया. इसके बाद उसे उल्टी दस्त हुई. जब बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तो वह बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आई. जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.

अस्पताल ने नहीं दिया शव वाहन
अकेले जिला अस्पताल पहुंची महिला इसके बाद अस्पताल के बाहर बैठ कर बिलखती रही, लेकिन अस्पताल कर्मियों ने उसकी कोई सुध नहीं ली. वह अपने परिजनों से संपर्क करने का प्रयास करती रही, लेकिन नहीं हो पाया. इस दौरान अस्पताल की तरफ से उसे शव वाहन भी मुहैया नहीं कराया गया.

हालांकि बाद में अस्पताल में मौजूद तीमारदारों ने उसे भाड़े के वाहन से वापस घर भेज दिया. जब जिला अस्पताल के सीएमएस से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर से संपर्क करने की बात कही और फोन काट दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.