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आखिर वह कौन हैं, जो पीते हैं गोमूत्र और गोबर से करते हैं स्नान

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में रहने वाले घनश्याम बिलास कई वर्षों से गाय के गोबर से स्नान करते हैं और बड़े ही शौक से गोमूत्र पीते हैं. घनश्याम बिलास का कहना है कि हर शख्स को कम से कम हफ्ते में एक बार जरूर गोबर से स्नान करना चाहिए.

गोबर से स्नान करते घनश्याम बिलास.
गोबर से स्नान करते घनश्याम बिलास.
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Published : Apr 30, 2020, 12:57 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बिच्छी गांव निवासी घनश्याम बिलास उर्फ पतलू सफाईकर्मी हैं. वह कई वर्षों से गाय के गोबर से स्नान कर रहे हैं और बड़े शौक से गोमूत्र पीते हैं. वह जब भी गोबर से स्नान करने पहुंचते हैं तो कई बार गांव के लोग वहां आकर उनको स्नान करते हुए देखते हैं. उनका कहना है कि गाय के गोबर से स्नान करने और गोमूत्र के सेवन से शरीर में किसी प्रकार की बीमारी नहीं होती है. उन्होंने लोगों को भी गोबर से नहाने और इसके फायदे बताए.

गोबर से स्नान करते घनश्याम बिलास.

शैंपू की सुगंध से भी अच्छी लगती है गोबर की सुगंध
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए घनश्याम बिलास ने बताया कि उन्होंने 2016-17 से गोबर से स्नान करना शुरू किया है. इससे उनके शरीर में जो भी तकलीफें थीं, उनसे अब आराम मिलता है. उन्होंने बताया कि गोबर से नहाने की प्रेरणा उनको उनके दादा से मिली थी, वह गाय का पालन करते थे. घनश्याम बिलास ने बताया कि गोबर से नहाते समय इसको लगाने के बाद 10 मिनट तक सुखाना चाहिए, जिससे लाभ मिलता है. घनश्याम बिलास को गोबर की सुगंध इतनी अच्छी लगती है कि उसके आगे शैंपू और साबुन की सुगंध फीकी पड़ जाती है.

शौक से करते हैं गोमूत्र का सेवन
घनश्याम बिलास ने बताया कि वह गोमूत्र का सेवन बड़ी शौक से करते हैं. उतना तो वह दूध का सेवन नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि पहले तो वह गौमूत्र का ही सेवन करते थे, लेकिन अब प्रतिदिन गोमूत्र न मिलने की वजह से उन्होंने गोबर से स्नान की प्रक्रिया और तेज कर दी, क्योंकि गोबर में गोमूत्र मिला रहता है. उन्होंने कहा कि वह लोगों को यही सलाह देंगे कि अगर प्रतिदिन न हो सके तो हफ्ते में एक बार गोबर से जरूर स्नान करें और दो चार बार नहाने के बाद खुद परिणाम सामने आ जाएगा.

सोनभद्र: रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बिच्छी गांव निवासी घनश्याम बिलास उर्फ पतलू सफाईकर्मी हैं. वह कई वर्षों से गाय के गोबर से स्नान कर रहे हैं और बड़े शौक से गोमूत्र पीते हैं. वह जब भी गोबर से स्नान करने पहुंचते हैं तो कई बार गांव के लोग वहां आकर उनको स्नान करते हुए देखते हैं. उनका कहना है कि गाय के गोबर से स्नान करने और गोमूत्र के सेवन से शरीर में किसी प्रकार की बीमारी नहीं होती है. उन्होंने लोगों को भी गोबर से नहाने और इसके फायदे बताए.

गोबर से स्नान करते घनश्याम बिलास.

शैंपू की सुगंध से भी अच्छी लगती है गोबर की सुगंध
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए घनश्याम बिलास ने बताया कि उन्होंने 2016-17 से गोबर से स्नान करना शुरू किया है. इससे उनके शरीर में जो भी तकलीफें थीं, उनसे अब आराम मिलता है. उन्होंने बताया कि गोबर से नहाने की प्रेरणा उनको उनके दादा से मिली थी, वह गाय का पालन करते थे. घनश्याम बिलास ने बताया कि गोबर से नहाते समय इसको लगाने के बाद 10 मिनट तक सुखाना चाहिए, जिससे लाभ मिलता है. घनश्याम बिलास को गोबर की सुगंध इतनी अच्छी लगती है कि उसके आगे शैंपू और साबुन की सुगंध फीकी पड़ जाती है.

शौक से करते हैं गोमूत्र का सेवन
घनश्याम बिलास ने बताया कि वह गोमूत्र का सेवन बड़ी शौक से करते हैं. उतना तो वह दूध का सेवन नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि पहले तो वह गौमूत्र का ही सेवन करते थे, लेकिन अब प्रतिदिन गोमूत्र न मिलने की वजह से उन्होंने गोबर से स्नान की प्रक्रिया और तेज कर दी, क्योंकि गोबर में गोमूत्र मिला रहता है. उन्होंने कहा कि वह लोगों को यही सलाह देंगे कि अगर प्रतिदिन न हो सके तो हफ्ते में एक बार गोबर से जरूर स्नान करें और दो चार बार नहाने के बाद खुद परिणाम सामने आ जाएगा.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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