सोनभद्र: जिले में परंपरागत खेती से हटकर गेंदा के फूल की खेती कर किसान अपनी आय को चार गुना बढ़ा रहे हैं. सदर विकासखंड के मानपुर गांव के किसान बाबूलाल मौर्या ने परंपरागत खेती छोड़कर सब्जी की खेती करना शुरु किया. इसके बाद उद्यान विभाग द्वारा उनको अनुदान मिलने पर उन्होंने गेंदा के फूल की खेती करनी शुरू की.
कौन हैं बाबूलाल
- सोनभद्र के मानपुर गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान हैं बाबूलाल मौर्या.
- करीब 10 विश्वा जमीन में गेंदा के फूल की खेती करने के बाद उनको अन्य फसलों की अपेक्षा कम लागत में अधिक मुनाफा मिल रहा है.
- बाबूलाल अपनी पूरी खेती जैविक विधि से करते हैं, जिसमे वह घर पर ही खाद पैदा कर लेते हैं.
- बाबूलाल को कई बार जिला उद्यान विभाग, कृषि विभाग और अन्य किसान गोष्ठियों में सम्मानित किया जा चुका है.
कैसे शुरू हुआ फूल की खेती का सफर
- मंडियों में सब्जी ले जाने के बाद वहां बाबूलाल को सब कुछ दिखता था, लेकिन गेंदा का कहीं नहीं दिखाई देता था.
- इसके बाद उन्होंने गेंदा के फूल की खेती का मन बनाया और जिला उद्यान विभाग से संपर्क किया.
- यहां से उन्हें एक हेक्टेयर के लिए अनुदान के रूप में बीज मुफ्त में ही मिल गया, जिसके बाद उन्होंने एक बीघे में फूल की खेती शुरू की.
फूल की खेती में न ही कीटनाशक की आवश्यकता है और न ही खाद की. परंपरागत खेतियों की तुलना में गेंदा के फूल की खेती अधिक लाभदायक है. परंपरागत खेती की अपेक्षा इसमें चौगुना फायदा हो रहा है.
-बाबूलाल मौर्या, प्रगतिशील किसान
गेंदा की खेती के लिए सरकार से अनुदान देने का प्रावधान है, जिसके तहत जिले के कई किसानों को इसका लाभ मिल रहा है. किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती कर रहे हैं. किसानों को इससे काफी लाभ मिल भी रहा है.
-सुनील कुमार, जिला उद्यान अधिकारी