सोनभद्र: जिले में जून माह में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. बता दें कि जून माह में बारिश ने 10 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है. इस वर्ष जून माह में 273 मिलीमीटर बारिश हुई है जोकि सर्वाधिक 2011 में हुए 232 एमएम से भी अधिक है. रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद कृषि विभाग खरीफ की फसल का उत्पादन और उत्पादकता दोनों ही बढ़ने की उम्मीद जता रहा है. ऐसे में उत्साहित किसानों ने धान की नर्सरी तैयार करना शुरू कर दिया है और किसानों में खुशी का माहौल है.
जिले में जून माह में हुई रिकॉर्ड 273 मिलीमीटर बारिश के बाद कृषि विभाग खरीफ फसल के लिए जिले में अच्छी उम्मीद जता रहा है. जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय का कहना है कि इस वर्ष खरीफ की अच्छी फसल होने की उम्मीद है. पिछले वर्ष 2019 में समय से बारिश ना होने के कारण 33170 हेक्टेयर आच्छादन के लक्ष्य का 90 प्रतिशत ही पूरा हुआ. इसलिये उत्पादन और उत्पादकता का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका था. इस वर्ष खरीफ फसल में आच्छादन का लक्ष्य 30,000 हेक्टेयर का है और उत्पादकता 29.92 कुंतल प्रति हेक्टेयर रखी गई है.
अच्छी बारिश को देखते हुए संभावना है कि आच्छादन और उत्पादकता दोनों का ही लक्ष्य पूरा किया जाएगा. आच्छादन बढ़ने से उत्पादन भी अधिक होने की संभावना है इससे कृषि विभाग उत्साहित है. वहीं जून माह में ही हुई रिकॉर्ड बारिश के कारण खेतों में किसानों ने नर्सरी तैयार करना शुरू कर दिया है और कहीं-कहीं तो बुवाई भी शुरू हो गई है. समय से रोपाई होने पर अच्छी फसल की पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है. 15 जून से लगातार हो रही रुक-रुक कर बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी साफ तौर पर देखी जा सकती है. अच्छी बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में खेत तालाब में पानी दिखाई देने लगा है जो पिछले कई वर्षों से नहीं दिखाई दिया था.
सोनभद्र: झमाझम बारिश से खिले किसानों के चेहरे - Kharif crops
सोनभद्र जिले में रिकॉर्ड तोड़ बारिश से किसानों में काफी खुशी है. दरअसल, जिले में बारिश ने पिछले 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इससे खरीफ की फसलों की उत्पादकता में बढ़त होगी. इसको लेकर कृषि विभाग काफी उत्साहित है.
सोनभद्र: जिले में जून माह में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. बता दें कि जून माह में बारिश ने 10 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है. इस वर्ष जून माह में 273 मिलीमीटर बारिश हुई है जोकि सर्वाधिक 2011 में हुए 232 एमएम से भी अधिक है. रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद कृषि विभाग खरीफ की फसल का उत्पादन और उत्पादकता दोनों ही बढ़ने की उम्मीद जता रहा है. ऐसे में उत्साहित किसानों ने धान की नर्सरी तैयार करना शुरू कर दिया है और किसानों में खुशी का माहौल है.
जिले में जून माह में हुई रिकॉर्ड 273 मिलीमीटर बारिश के बाद कृषि विभाग खरीफ फसल के लिए जिले में अच्छी उम्मीद जता रहा है. जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय का कहना है कि इस वर्ष खरीफ की अच्छी फसल होने की उम्मीद है. पिछले वर्ष 2019 में समय से बारिश ना होने के कारण 33170 हेक्टेयर आच्छादन के लक्ष्य का 90 प्रतिशत ही पूरा हुआ. इसलिये उत्पादन और उत्पादकता का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका था. इस वर्ष खरीफ फसल में आच्छादन का लक्ष्य 30,000 हेक्टेयर का है और उत्पादकता 29.92 कुंतल प्रति हेक्टेयर रखी गई है.
अच्छी बारिश को देखते हुए संभावना है कि आच्छादन और उत्पादकता दोनों का ही लक्ष्य पूरा किया जाएगा. आच्छादन बढ़ने से उत्पादन भी अधिक होने की संभावना है इससे कृषि विभाग उत्साहित है. वहीं जून माह में ही हुई रिकॉर्ड बारिश के कारण खेतों में किसानों ने नर्सरी तैयार करना शुरू कर दिया है और कहीं-कहीं तो बुवाई भी शुरू हो गई है. समय से रोपाई होने पर अच्छी फसल की पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है. 15 जून से लगातार हो रही रुक-रुक कर बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी साफ तौर पर देखी जा सकती है. अच्छी बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में खेत तालाब में पानी दिखाई देने लगा है जो पिछले कई वर्षों से नहीं दिखाई दिया था.