सोनभद्र: जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में शिकायतों के तात्कालिक निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों में जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में ग्राम समाधान दिवस का आयोजन किया जा रहा है. इसका रोस्टर जिलाधिकारी ने जारी किया है. इसके तहत प्रत्येक सोमवार को 80 ग्राम पंचायतों में ग्राम समाधान दिवस का आयोजन किया जाएगा. इसी कड़ी में सोमवार को मधुपुर और लोहरा गांव में ग्राम समाधान दिवस आयोजित हुआ. इसका जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह ने औचक निरीक्षण किया. इस दौरान ग्राम प्रधान समाधान दिवस में उपस्थित नहीं थे. इससे नाराज डीपीआरओ ने स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए. इसके अलावा सचिव को भी नोटिस जारी किया गया.
जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत लोहरा और मधुपुर में आयोजित ग्राम समाधान दिवस में कई कमियां मिलीं हैं. यहां समाधान दिवस का कोई भी बैनर नहीं लगाया गया था और न ही गांव में प्रचार प्रसार के लिए डुगडुगी पिटवाई गई थी, इसके चलते गांव में समाधान दिवस को लेकर कोई भी जागरूक नहीं था और केवल एक ही शिकायत पहुंची थी. इतना ही नहीं जो शिकायत पिछली तारीख को प्राप्त हुई थी उसको शिकायत रजिस्टर पर नहीं चढ़ाया गया था, इसके चलते ग्राम पंचायत मधुपुर और लोहर के सचिव दीपक कुमार और शिवम सिंह का वेतन रोकते हुए प्रधान मधुपुरा प्रधान निशा और लोहरा प्रधान मिना देवी सहित सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
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वहीं, जिला पंचायत राज अधिकारी ने सभी सहायक विकास अधिकारी पंचायत ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम प्रधान को निर्देशित किया है कि सोमवार को लगने वाले समाधान दिवस का मूल मकसद यह है कि ग्राम पंचायतों में जो भी शिकायतें हैं, उसका निस्तारण मौके पर किया जाए. अगर ग्राम पंचायत में शिकायत का निस्तारण नहीं होगा तो शिकायतें जनपद स्तर और प्रदेश स्तर पर जाती हैं, जिससे लोगों को काफी भागदौड़ भी करनी पड़ती है. साथ ही उनका समय और अनावश्यक खर्च बढ़ता है.