सोनभद्र: पंचायत राज विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने रविवार को सोनभद्र के जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती को निलंबित कर दिया. आरके भारती को स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसके पचार-प्रसार में गलत तरीके से धनराशि खर्च करने, सोलर लाइट लगवाने और शौचालय निर्माण पूर्ण होने पर लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि न देने सहित कई अनियमितताओं का आरोप उनके ऊपर लगा है. इसकी वजह से तत्काल निलंबित कर उन्हें लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है. इसकी जांच उपनिदेशक पंचायत वाराणसी को सौंपी गई है.
उत्तर प्रदेश शासन पंचायत राज विभाग अनुभाग-1 के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने सोनभद्र के जिला पंचायती राज अधिकारी आरके भारती को निलंबित किया है. उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के अंतर्गत जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रचार-प्रसार के लिए 25 लाख कि धनराशि खर्च की गई है मगर इसकी स्वीकृति नहीं ली गई थी.
भ्रष्टाचार के कई मामले आए सामने
इसके साथ ही भ्रष्ट आचरण की भी शिकायत मिली है. बिना किसी आधिकारिक अनुमति के जिला पंचायत राज अधिकारी के नाम से निजी बैंक में खाता खोला गया और कुछ लाभार्थियों को शौचालय का निर्माण करने के बाद भी प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई. ग्राम पंचायत के प्रधानों और सचिवों पर दबाव बनाकर प्रत्येक ग्राम पंचायत से चार हजार की धनराशि का चेक जिला पंचायत राज अधिकारी के नाम से निर्गत कराकर खाते में जमा करने को कहा गया था, जो कि अवैध है.
वित्तीय अनियमितताओं का लगा आरोप
उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1997 की धाराओं में निहित प्रावधान के विरुद्ध ग्राम प्रधानों के वित्तीय एवं प्रशासनिक शक्तियों पर रोक लगाकर तीन सदस्यीय समिति गठित करने का मामला भी सामने आया. इसके अलावा ग्राम पंचायतों में वृहद स्तर पर अनाधिकृत सोलर लाइट लगवाने के लिए 64 लाख व्यय करने का भी मामला उजागर हुआ. साथ ही ग्राम पंचायत कुलडोमरी विकासखंड म्योरपुर में अनाधिकृत रूप से वित्तीय वर्ष 2018-19 में 53 लाख की सोलर लाइट स्थापना का कार्य, विकासखंड चोपन की ग्राम पंचायत कोटा व अन्य ग्राम पंचायतों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का मामला प्रकाश में आया है.
अनुचित मांगों का मामला भी हुआ उजागर
जनपद में निर्गत 13 अस्थाई गो-आश्रय स्थलों के निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति न प्रदान करने के साथ ही नियमों के खिलाफ जाकर ग्राम विकास अधिकारियों को सहायक विकास अधिकारी पंचायत पद का प्रभार दिए जाने का भी मामला सामने आया है. ग्राम पंचायतों को वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि के आवंटन में अनुचित मांग की बात भी सामने आई है.
मनमाने ढंग से काम करने लगा आरोप
यही नहीं, बल्कि ग्राम पंचायतों में बिना जिलाधिकारी के अनुमति के सचिवों की तैनाती करना, उच्चाधिकारियों के आदेशों व शासनादेशों की अवहेलना व मनमानी करने का गंभीर का आरोप भी लगाया गया है. इसकी वजह से जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. निलंबन की अवधि के दौरान उन्हें पंचायती राज निदेशालय लखनऊ से अटैच कर दिया गया है. जांच के लिए उप निदेशक पंचायत राज वाराणसी मंडल को जांच अधिकारी नामित किया गया है.