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बीजेपी विधायक रामदुलार गोंड़ पर दुष्कर्म के मुकदमे को प्रभावित करने का आरोप, जानिए ऐसा क्यों

सोनभद्र में कोर्ट में दुद्धी विधायक रामदुलार गोंड़ ने नाबालिग से दुष्कर्म के मुकदमे में बालिका का आयु का नया प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है. इसपर पीड़िता के भाई ने आपत्ति जताई है. साथ ही कहा कि विधायक मुकदमे को प्रभावित करना चाहते हैं.

सोनभद्र
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Published : Jul 5, 2023, 7:20 AM IST

दुष्कर्म पीड़िता के वकील का बयान

सोनभद्र: कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोनभद्र के दुद्धी क्षेत्र से भाजपा के विधायक रामदुलार गोंड़ ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पीड़िता की आयु के संबंध में एक नया प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया. इससे इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. इस संबंध में वादी और पीड़िता के भाई ने आपत्ति जताई है और कहा है कि सुनवाई पहले ही पूरी हो चुकी है. पीड़िता की आयु का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके भाजपा विधायक इस मामले में नाबालिग को दुष्कर्म की घटना के समय बालिग साबित करना चाहते हैं और मुकदमे में लाभ लेना चाहते हैं. इस संबंध में वादी ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र लेकर फर्जीवाड़ा करने का मुकदमा भाजपा विधायक पर दर्ज करने की मांग की है.

जानकारी के अनुसार, दुद्धी क्षेत्र से भाजपा के विधायक रामदुलार गोंड़ पर वर्ष 2014 में नाबालिग से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था और इस मामले में जेल भी भेजा गया था. बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी. घटना के समय रामदुलार गोंड़ प्रधान पति थे और वर्ष 2022 में वह भाजपा के दुद्धी विधानसभा से विधायक चुने गए. वर्तमान में यह मुकदमा सोनभद्र के अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में चल रहा है. वादी का आरोप है कि गलत तरीके से लाभ लेने के लिए और पाक्सो एक्ट हटाने के प्रयास में वर्तमान विधायक ने यह फर्जी दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किया है. भाजपा विधायक अपने पद का दुरुपयोग करके मुकदमे को प्रभावित करना चाहते हैं.

दुष्कर्म पीड़िता के वकील विकास शाक्य ने भाजपा विधायक पर पद का दुरुपयोग करके मुकदमे को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. दुष्कर्म पीड़िता के वकील का कहना है कि भाजपा विधायक राम दुलार गोंड़ पर दुष्कर्म का आरोप है और मुकदमे की प्रक्रिया चल रही है. इसी दौरान भाजपा विधायक रामदुलार गोंड़ द्वारा दुष्कर्म पीड़िता को बालिग साबित करने और पाक्सो एक्ट से बचने के लिए निजी विद्यालय के फर्जी रिकॉर्ड को सुनवाई में प्रस्तुत किया जा रहा है. इसमें उसकी जन्मतिथि 25 अगस्त 1994 बताई है, जबकि पीड़िता सरकारी स्कूल में पढ़ी है और वर्ष 2014 में घटना के समय उसकी आयु जन्मतिथि 15 दिसंबर 1998 के आधार पर पहले ही अंकित की जा चुकी है. विकास शाक्य ने कहा कि विधायक के खिलाफ जिला प्रशासन को फर्जीवाड़ा करने का मुकदमा दर्ज कराना चाहिए. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे सुनवाई के दौरान आपत्ति रखेंगे.

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दुष्कर्म पीड़िता के वकील का बयान

सोनभद्र: कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोनभद्र के दुद्धी क्षेत्र से भाजपा के विधायक रामदुलार गोंड़ ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पीड़िता की आयु के संबंध में एक नया प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया. इससे इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. इस संबंध में वादी और पीड़िता के भाई ने आपत्ति जताई है और कहा है कि सुनवाई पहले ही पूरी हो चुकी है. पीड़िता की आयु का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके भाजपा विधायक इस मामले में नाबालिग को दुष्कर्म की घटना के समय बालिग साबित करना चाहते हैं और मुकदमे में लाभ लेना चाहते हैं. इस संबंध में वादी ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र लेकर फर्जीवाड़ा करने का मुकदमा भाजपा विधायक पर दर्ज करने की मांग की है.

जानकारी के अनुसार, दुद्धी क्षेत्र से भाजपा के विधायक रामदुलार गोंड़ पर वर्ष 2014 में नाबालिग से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था और इस मामले में जेल भी भेजा गया था. बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी. घटना के समय रामदुलार गोंड़ प्रधान पति थे और वर्ष 2022 में वह भाजपा के दुद्धी विधानसभा से विधायक चुने गए. वर्तमान में यह मुकदमा सोनभद्र के अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में चल रहा है. वादी का आरोप है कि गलत तरीके से लाभ लेने के लिए और पाक्सो एक्ट हटाने के प्रयास में वर्तमान विधायक ने यह फर्जी दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किया है. भाजपा विधायक अपने पद का दुरुपयोग करके मुकदमे को प्रभावित करना चाहते हैं.

दुष्कर्म पीड़िता के वकील विकास शाक्य ने भाजपा विधायक पर पद का दुरुपयोग करके मुकदमे को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. दुष्कर्म पीड़िता के वकील का कहना है कि भाजपा विधायक राम दुलार गोंड़ पर दुष्कर्म का आरोप है और मुकदमे की प्रक्रिया चल रही है. इसी दौरान भाजपा विधायक रामदुलार गोंड़ द्वारा दुष्कर्म पीड़िता को बालिग साबित करने और पाक्सो एक्ट से बचने के लिए निजी विद्यालय के फर्जी रिकॉर्ड को सुनवाई में प्रस्तुत किया जा रहा है. इसमें उसकी जन्मतिथि 25 अगस्त 1994 बताई है, जबकि पीड़िता सरकारी स्कूल में पढ़ी है और वर्ष 2014 में घटना के समय उसकी आयु जन्मतिथि 15 दिसंबर 1998 के आधार पर पहले ही अंकित की जा चुकी है. विकास शाक्य ने कहा कि विधायक के खिलाफ जिला प्रशासन को फर्जीवाड़ा करने का मुकदमा दर्ज कराना चाहिए. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे सुनवाई के दौरान आपत्ति रखेंगे.

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