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न्यायालय ने सुनाई दोहरे हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा - कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

जिला अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने 11 वर्ष पूर्व मां-बेटी की गला दबाकर की गई हत्या एवं शव को बिस्तर पर ही जलाने के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने गंभीरतम अपराध मानते हुए दोषियों गीता देवी एवं अशोक शर्मा को दोषसिद्ध पाकर मृत्युदंड एवं 70-70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.

कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा.
कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा.
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Published : Sep 17, 2021, 5:14 PM IST

सोनभद्रः जिला अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने 11 वर्ष पूर्व मां-बेटी की गला दबाकर की गई हत्या एवं शव को बिस्तर पर ही जलाने के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने गंभीरतम अपराध मानते हुए दोषियों गीता देवी एवं अशोक शर्मा को दोषसिद्ध पाकर मृत्युदंड एवं 70-70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. अदालत ने इसे नृशंस हत्या मानते हुए कहा है कि दोनों को अलग-अलग फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाएं, जब तक कि मौत न हो जाए.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक मिर्जापुर जिला अंतर्गत कोतवाली कटरा के संकठा प्रसाद की गली निवासी सतीश कुमार शर्मा ने 21 दिसंबर 2010 को चोपन थाने में तहरीर दी थी. तहरीर में बताया गया कि, ग्राम प्रधान ने सूचना दिया है कि, उसकी बेटी सुनीता देवी और उसकी तीन वर्षीय बच्ची झलक की साड़ी से गला कसकर हत्या कर बिस्तर पर जला दिया गया है. इस सूचना पर सतीश कुमार अपने घर मिर्जापुर से सपरिवार चोपन आए तो देखा कि उसकी बेटी सुनीता एवं नतिनी झलक मरी हुई पड़ी थी.

दोनों के गले में साड़ी का फंदा लगा हुआ था तथा शरीर एवं बिस्तर और कपड़े जले हुए थे. सतीश ने सास गीता देवी और दूर के रिश्तेदार आशोक शर्मा पर बेटी और नातिन की हत्या करने का आरोप लगाया था. तहरीर पर पुलिस ने हत्या की एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका सुनीता का गर्भवती होना पाया गया था. पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने बारी-बारी से चोपन गांव निवासी गीता देवी एवं मिर्जापुर जिले के जिगना थानांतर्गत हरगढ़ गांव निवासी अशोक शर्मा के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी.

जानकारी देते युक्त निदेशक अभियोजन.

इसे भी पढ़ें- भैंस बांधने के विवाद में छोटे भाई ने बड़े भाई को मारी गोली

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध होने पर गीता देवी एवं अशोक शर्मा को मृत्युदंड एवं 70-70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. अदालत ने इसको नृशंस हत्या मानते हुए कहा कि दोनों को अलग-अलग फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाएं, जब तक कि दोनों की मौत न हो जाए. संयुक्त निदेशक अभियोजन ने बताया कि दोनों आरोपियों को अपील के लिए 90 दिनों का समय दिया गया है.

सोनभद्रः जिला अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने 11 वर्ष पूर्व मां-बेटी की गला दबाकर की गई हत्या एवं शव को बिस्तर पर ही जलाने के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने गंभीरतम अपराध मानते हुए दोषियों गीता देवी एवं अशोक शर्मा को दोषसिद्ध पाकर मृत्युदंड एवं 70-70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. अदालत ने इसे नृशंस हत्या मानते हुए कहा है कि दोनों को अलग-अलग फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाएं, जब तक कि मौत न हो जाए.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक मिर्जापुर जिला अंतर्गत कोतवाली कटरा के संकठा प्रसाद की गली निवासी सतीश कुमार शर्मा ने 21 दिसंबर 2010 को चोपन थाने में तहरीर दी थी. तहरीर में बताया गया कि, ग्राम प्रधान ने सूचना दिया है कि, उसकी बेटी सुनीता देवी और उसकी तीन वर्षीय बच्ची झलक की साड़ी से गला कसकर हत्या कर बिस्तर पर जला दिया गया है. इस सूचना पर सतीश कुमार अपने घर मिर्जापुर से सपरिवार चोपन आए तो देखा कि उसकी बेटी सुनीता एवं नतिनी झलक मरी हुई पड़ी थी.

दोनों के गले में साड़ी का फंदा लगा हुआ था तथा शरीर एवं बिस्तर और कपड़े जले हुए थे. सतीश ने सास गीता देवी और दूर के रिश्तेदार आशोक शर्मा पर बेटी और नातिन की हत्या करने का आरोप लगाया था. तहरीर पर पुलिस ने हत्या की एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका सुनीता का गर्भवती होना पाया गया था. पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने बारी-बारी से चोपन गांव निवासी गीता देवी एवं मिर्जापुर जिले के जिगना थानांतर्गत हरगढ़ गांव निवासी अशोक शर्मा के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी.

जानकारी देते युक्त निदेशक अभियोजन.

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मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध होने पर गीता देवी एवं अशोक शर्मा को मृत्युदंड एवं 70-70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. अदालत ने इसको नृशंस हत्या मानते हुए कहा कि दोनों को अलग-अलग फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाएं, जब तक कि दोनों की मौत न हो जाए. संयुक्त निदेशक अभियोजन ने बताया कि दोनों आरोपियों को अपील के लिए 90 दिनों का समय दिया गया है.

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