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31 साल बाद डाला गोलीकांड मामले में तीन वारंटी गिरफ्तार

सोनभद्र में 31 साल पहले हुए डाला गोली कांड में पुलिस ने तीन वांरटियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 65 मजदूरों और 6000 अज्ञात मजदूरों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था. जिसमें से कई वारंटी फरार भी चल रहे थे.

तीन वारंटी गिरफ्तार
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Published : Nov 8, 2022, 11:03 PM IST

सोनभद्र: डाला गोलीकांड मामले में पुलिस ने तीन वारंटियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए वारंटियों के नाम रामनिवास भारती निवासी सैदपुर जनपद गाजीपुर, चन्द्रशेखर सिंह निवासी मवैया जगदीशपुर जनपद मिर्जापुर, बलवन्ता निवासी डाला जनपद सोनभद्र है. ये सभी हत्यारोपी थाना चोपन में NBW(non-bailable warrant) के वारंटी थे.

ये है मामला:सोभद्र जिले के चोपन थाना क्षेत्र के अंतर्गत जून 1991 गोलीकांड हुआ था. इस गोलीकांड में यूपी शासन के तत्कालीन विशेष सचिव लालता प्रसाद पांडे द्वारा 24 जून 2008 को जिला मजिस्ट्रेट सोनभद्र न्याय अनुभाग-5 एक पत्र दिया था. बसपा शासनकाल में विधानसभा सदन कार्यवाही के दौरान राबर्ट्सगंज के पूर्व विधायक सत्यनारायण जैसल द्वारा डाला गोलीकांड में 65 ज्ञात और 6000 अज्ञात मजदूरों के खिलाफ हुए मुकदमे को वापसी लेने की पैरवी की गई थी. तत्कालीन मायावती सरकार ने संबंधित सभी मुकदमे व सभी धाराओं को वापसी लेने का निर्णय लिया था. जिसे राज्यपाल द्वारा अभियोजन इत्यादि को अपने पत्र से जिला मजिस्ट्रेट सोनभद्र को अवगत कराते हुए वापसी लेने के पत्रक जारी किया था.

2 जून 1991 को चोपन थाना क्षेत्र के डाला में पुलिस और मजदूरों के बीच संघर्ष हुआ था. जिसमें पुलिस की गोली से 9 मजदूरों की मौत हो गई थी. यह संघर्ष तत्कालीन सपा सरकार द्वारा डाला सीमेंट फैक्ट्री को निजी कंपनी को बेच देने के फैसले के बाद हुआ था. जब मजदूरों ने इस फैसले का पुरजोर विरोध करते हुए जमकर हिंसक प्रदर्शन किया था. इस संबंध में तत्कालीन शासन के आदेश पर पुलिस ने 65 मजदूरों और 6000 अज्ञात मजदूरों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था. जिसमें से कई वारंटी फरार भी चल रहे थे. इसी मुकदमे के क्रम में तीन भारतीयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

सोनभद्र: डाला गोलीकांड मामले में पुलिस ने तीन वारंटियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए वारंटियों के नाम रामनिवास भारती निवासी सैदपुर जनपद गाजीपुर, चन्द्रशेखर सिंह निवासी मवैया जगदीशपुर जनपद मिर्जापुर, बलवन्ता निवासी डाला जनपद सोनभद्र है. ये सभी हत्यारोपी थाना चोपन में NBW(non-bailable warrant) के वारंटी थे.

ये है मामला:सोभद्र जिले के चोपन थाना क्षेत्र के अंतर्गत जून 1991 गोलीकांड हुआ था. इस गोलीकांड में यूपी शासन के तत्कालीन विशेष सचिव लालता प्रसाद पांडे द्वारा 24 जून 2008 को जिला मजिस्ट्रेट सोनभद्र न्याय अनुभाग-5 एक पत्र दिया था. बसपा शासनकाल में विधानसभा सदन कार्यवाही के दौरान राबर्ट्सगंज के पूर्व विधायक सत्यनारायण जैसल द्वारा डाला गोलीकांड में 65 ज्ञात और 6000 अज्ञात मजदूरों के खिलाफ हुए मुकदमे को वापसी लेने की पैरवी की गई थी. तत्कालीन मायावती सरकार ने संबंधित सभी मुकदमे व सभी धाराओं को वापसी लेने का निर्णय लिया था. जिसे राज्यपाल द्वारा अभियोजन इत्यादि को अपने पत्र से जिला मजिस्ट्रेट सोनभद्र को अवगत कराते हुए वापसी लेने के पत्रक जारी किया था.

2 जून 1991 को चोपन थाना क्षेत्र के डाला में पुलिस और मजदूरों के बीच संघर्ष हुआ था. जिसमें पुलिस की गोली से 9 मजदूरों की मौत हो गई थी. यह संघर्ष तत्कालीन सपा सरकार द्वारा डाला सीमेंट फैक्ट्री को निजी कंपनी को बेच देने के फैसले के बाद हुआ था. जब मजदूरों ने इस फैसले का पुरजोर विरोध करते हुए जमकर हिंसक प्रदर्शन किया था. इस संबंध में तत्कालीन शासन के आदेश पर पुलिस ने 65 मजदूरों और 6000 अज्ञात मजदूरों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था. जिसमें से कई वारंटी फरार भी चल रहे थे. इसी मुकदमे के क्रम में तीन भारतीयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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