सोनभद्र: जिला प्रशासन ने नगरीय निकायों को परिषदीय स्कूलों के कायाकल्प की जिम्मेदारी सौंपी है. इस योजना के तहत रॉबर्ट्सगंज, चोपन, घोरावल और चुर्क क्षेत्र के 33 परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प होगा. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूलों के कायाकल्प की जिम्मेदारी संबंधित नगर पालिका या नगर पंचायत के अधिशासी अभियंता अधिकारी को सौंपी गई है.
नगरीय क्ष्रेत्र के 33 स्कूलों का होगा कायाकल्प
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखनाथ पटेल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों के रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की होती है. इसी के मद्देनजर अब नगरीय क्षेत्रों के परिषदीय स्कूलों की जिम्मेदारी नगरीय निकायों को सौंपी गई है. इसके तहत चोपन, घोरावल रॉबर्ट्सगंज और चुर्क के 33 स्कूलों का कायाकल्प होगा. इसके लिए जिलाधिकारी ने जिला खनिज निधि से धन उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया है.
कायाकल्प के बाद स्कूलों में होगा गुणात्मक सुधार
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूलों के भौतिक परिवेश को बेहतर करने का उद्देश्य यही है कि स्कूलों में नामांकन और ठहराव में वृद्धि हो सके. साथ ही मिशन प्रेरणा के तहत प्राथमिक स्कूलों में लक्ष्यों को हासिल किया जा सके. नगरीय क्षेत्र के स्कूलों का कायाकल्प होने के बाद इन स्कूलों की भौतिक दशा में सुधार होगा, जिससे बच्चों के अधिगम संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा.
14 मानकों को ध्यान में रखते हुए होगा कायाकल्प
नगरीय क्षेत्र के स्कूलों में 14 मानकों को ध्यान में रखते हुए कायाकल्प अभियान चलाया जाएगा. टेक्निकल टीम स्कूलों में इन्हीं मानकों जैसे शौचालय, रैम्प, टाइल्स, हैंडवाश की सुविधा, छत का सुदृढ़ीकरण, विज्ञान लैब आदि को ध्यान में रखकर हर स्कूल के लिए अलग-अलग लागत का निर्धारण कर रही है. इसकी लागत चार से दस लाख के बीच आती है.