सीतापुर: सदरपुर थाना क्षेत्र में अवैध कब्जा हटाए जाने से नाराज एक महिला ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि और पंचायत सेक्रेट्री के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. जवाबी कार्रवाई में महिला ग्राम प्रधान ने भी विपक्षियों के खिलाफ गैंगरेप का केस दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया. पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से दी गई तहरीर की गहनता से जांच की तो दोनों आरोप गलत पाए गए, इसीलिए दोनों आरोपों को तत्काल प्रभाव से खारिज कर दिया गया है.
मामला सदरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम भुसना का है. प्राथमिक विद्यालय के पास गाटा संख्या-868 नवीन परती की भूमि पर सार्वजनिक सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाना था. इसके लिए भूमि प्रबंध समिति द्वारा खुली बैठक में प्रस्ताव पास किया गया. इस भूमि पर गांव की ही निवासी विजमा देवी, मदन, पुतान आदि का कब्जा था.
25 अगस्त को क्षेत्रीय लेखपाल सचिन ने नापजोख करते हुए सभी अवैध कब्जाधारियों का कब्जा हटवाया और शौचालय की नींव डलवाई. इसके बाद विजमा देवी ने अपने पति के साथ मिलकर रात में ही नींव को गिरवा दिया. इस संबंध में विजमा देवी और उसके पति विजय के खिलाफ सदरपुर थाने पर एनसीआर दर्ज कराया गया.
26 अगस्त को नायब तहसीलदार प्रीती सिंह और क्षेत्रीय लेखपाल सचिन की मौजूदगी में सभी का अवैध कब्जा हटवाया गया. साथ ही ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान ने उस भूमि पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण भी करा दिया. भूमि के कब्जा मुक्त होने से आक्रोशित विजमा देवी ने 31 अगस्त को आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई.
विजमा देवी की शिकायत में तीन लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप दर्ज था. लिखित शिकायत में था कि 28 अगस्त को ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गंगाराम, ग्राम टिकरा के प्रधान प्रतिनिधि विकास सिंह, ग्राम विकास अधिकारी राजेंद्र ने गाड़ी में जबरिया बैठाकर सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया.
इस आरोप के बाद बचाव में ग्राम प्रधान भुसना ऊषा देवी ने भी विपक्ष के चार लोगों के खिलाफ गैंगरेप की तहरीर दे दी. सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया. सीओ महमूदाबाद रविशंकर प्रसाद मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की पड़ताल करते हुए लोगों से पूछताछ की. सीओ रविशंकर प्रसाद ने बताया कि जांच में गैंगरेप के दोनों आरोप फर्जी पाए गए. जांच में किसी भी घटना के साक्ष्य नहीं मिले हैं.