सीतापुर: लॉकडाउन के दौरान लोगों को राशन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया था. लेकिन इस दौर में भी कुछ कोटेदारों ने गरीबों का राशन हजम करने में संकोच नहीं किया. ऐसे मामलों की शिकायत मिलने पर जब विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया तो बड़े पैमाने पर अनियमितताएं भी उजागर हुईं.
लॉकडाउन लागू होने के बाद गरीबों के सामने सबसे बड़ी समस्या खाद्यान्न के इंतजाम को लेकर थी. जिसके बाद सरकार ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए प्रति यूनिट पांच किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिये थे. सरकार के आदेश के अनुपालन में कोटेदारों को खाद्यान्न तो उपलब्ध करा दिया गया, लेकिन वह खाद्यान्न पात्रों के बीच बंटने की बजाय कोटेदारों की कमाई का जरिया बन गया. उन्होंने इसे गरीबो में बांटने की बजाय खुद ही हज़म कर लिया. जिसकी शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने इसके सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाया, तो उसकी कलई खुलकर सामने आ गई. इसके बाद कोटेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई.
इसे भी पढ़ें-सीतापुर: ब्रिटिश हुकूमत में सड़कों के रखे गए नाम बदलने की उठी मांग
जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद ने लॉकडाउन के दौरान चलाये गए विशेष अभियान के तहत 20 कोटेदारों के खिलाफ राशन की घटतौली और कालाबाज़ारी को लेकर आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई है. जबकि 41 कोटेदारों का लाइसेंस सस्पेंड किया गया है. छह राशन की दुकानों को निरस्त किया गया है और 1 लाख 27 हज़ार रुपये की प्रतिभूति जब्त की गई है. उन्होंने बताया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और राशन की घटतौली या फिर कालाबाज़ारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.