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आयुष्मान योजना का कार्ड बनाने में सीतापुर 67वें पायदान पर - आयुष्मान भारत योजना

सीतापुर जिले में आयुष्मान भारत योजना का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है. इसका मुख्य कारण गोल्डेन कार्ड का न बन पाना है. कार्ड बनाने के मामले में सीतापुर 67वें पायदान पर है.

आयुष्मान योजना का कार्ड बनाने में सीतापुर 67वें पायदान पर.
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Published : Sep 25, 2019, 8:31 AM IST

सीतापुर: गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई आयुष्मान भारत योजना का भरपूर लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इसकी एक खास वज़ह यह है कि यहां गोल्डन कार्ड बनाने की रफ्तार काफ़ी धीमी है. यह जिला प्रदेश में 67वें पायदान पर है. लिहाजा कार्ड न बन पाने के कारण लोगों को इलाज़ के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

मरीजों को नहीं मिल पा रहा आयुष्मान योजना का लाभ.
आयुष्मान भारत योजना को लागू हुए एक वर्ष का समय बीत चुका है. इस योजना के तहत पूरे जिले में 4 लाख 32 हजार गोल्डन कार्ड बनाए जाने हैं. जिन एजेंसियों को गोल्डन कार्ड बनाने का जिम्मा सौंपा गया था उन्होंने तेजी नहीं दिखाई. जिसके चलते अब तक 98 हजार 687 कार्ड ही बनाए जा सके. समीक्षा के दौरान प्रदेश के 75 जिलों में यह जिला 67वें पायदान पर पाया गया.

ये भी पढ़ें: सीतापुरः नैमिषारण्य के विकास के लिए सरकार की घोषणाओं का संतों ने किया स्वागत

कार्ड बनाने की रफ्तार बढ़ाने के लिए एजेंसी और आशा बहुओं को निर्देशित किया गया है. कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं जिससे इसमें दिक्कतें आ रही हैं.
-डॉ. पी.के. सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी

गोल्डेन कार्ड बनाने वाली एजेंसी ने बताया कि जागरूकता के अभाव में कार्ड नहीं बन पा रहे हैं. लोग प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए पत्र को ही पर्याप्त मान रहे हैं, जबकि इसके लिए KYC कराना जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग से सामंजस्य स्थापित करके जल्द ही गोल्डेन कार्ड बनाने की रफ्तार बढ़ाई जाएगी.

सीतापुर: गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई आयुष्मान भारत योजना का भरपूर लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इसकी एक खास वज़ह यह है कि यहां गोल्डन कार्ड बनाने की रफ्तार काफ़ी धीमी है. यह जिला प्रदेश में 67वें पायदान पर है. लिहाजा कार्ड न बन पाने के कारण लोगों को इलाज़ के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

मरीजों को नहीं मिल पा रहा आयुष्मान योजना का लाभ.
आयुष्मान भारत योजना को लागू हुए एक वर्ष का समय बीत चुका है. इस योजना के तहत पूरे जिले में 4 लाख 32 हजार गोल्डन कार्ड बनाए जाने हैं. जिन एजेंसियों को गोल्डन कार्ड बनाने का जिम्मा सौंपा गया था उन्होंने तेजी नहीं दिखाई. जिसके चलते अब तक 98 हजार 687 कार्ड ही बनाए जा सके. समीक्षा के दौरान प्रदेश के 75 जिलों में यह जिला 67वें पायदान पर पाया गया.

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कार्ड बनाने की रफ्तार बढ़ाने के लिए एजेंसी और आशा बहुओं को निर्देशित किया गया है. कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं जिससे इसमें दिक्कतें आ रही हैं.
-डॉ. पी.के. सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी

गोल्डेन कार्ड बनाने वाली एजेंसी ने बताया कि जागरूकता के अभाव में कार्ड नहीं बन पा रहे हैं. लोग प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए पत्र को ही पर्याप्त मान रहे हैं, जबकि इसके लिए KYC कराना जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग से सामंजस्य स्थापित करके जल्द ही गोल्डेन कार्ड बनाने की रफ्तार बढ़ाई जाएगी.

Intro:सीतापुर: गरीबों को स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई आयुष्मान भारत योजना का भरपूर लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है.इसकी एक खास वज़ह है और वह यह है कि सीतापुर में इस योजना के गोल्डन कार्ड बनाने की रफ्तार काफ़ी धीमी है.यह जिला प्रदेश में 67वें पायदान पर है लिहाज़ा कार्ड न बन पाने के कारण लोगों को इलाज़ के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है


Body:आयुष्मान भारत योजना को लागू हुए एक वर्ष का समय बीत चुका है. इस योजना के तहत पूरे जिले में 4 लाख 32 हज़ार गोल्डेन कार्ड बनाये जाने है जिन एजेंसियों को गोल्डेन कार्ड बनाने का जिम्मा सौंपा गया था उन्होंने तेज़ी नही दिखाई जिसके चलते अब तक 98 हज़ार 687 कार्ड बनाये जा सके.समीक्षा के दौरान प्रदेश के 75 जिलों में यह जिला 67वें पायदान पर पाया गया.अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बातचीत में बताया कि कार्ड बनाने की रफ्तार बढ़ाने के एजेंसी और आशा बहुओं को निर्देशित किया गया है.कामन सर्विस सेंटर के संचालक इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं जिससे इसमें दिक्कतें आ रही हैं.


Conclusion:गोल्डेन कार्ड बनाने वाली एजेंसी ने बताया कि लोगों की जागरूकता के अभाव में कार्ड नही बन पा रहे हैं.लोग प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए पत्र को ही पर्याप्त मान रहे हैं जबकि इसके लिए केवाईसी कराना जरूरी है.उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से सामंजस्य स्थापित करके जल्द ही गोल्डेन कार्ड बनाने की रफ्तार बढ़ाई जाएगी.

बाइट- डॉ पी.के. सिंह (अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी)
बाइट- आशीष मिश्रा (संचालक- कॉमन सर्विस सेन्टर)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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