अयोध्या: राम जन्मभूमि परिसर में शिखर निर्माण के साथ 18 मंदिरों के भी निर्माण का कार्य चल रहा है. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के 1 वर्ष पूरा होने पर प्रतिष्ठा द्वादशी का भव्य आयोजन करने की भी तैयारी है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मानें तो आयोजन के साथ साथ मंदिर निर्माण का कार्य चलता रहेगा.
राम मंदिर समेत यात्री सुविधा केंद्र और अंगद टीला पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम संपन्न किए जाएंगे. जिसमें मुख्य कार्यक्रम अंगद टीला पर होगा. इसमें आने वाले श्रद्धालु आम नागरिक भी शामिल हो सकेंगे. जिसको लेकर भक्त पंडाल को लगाए जाने का कार्य प्रारंभ हो गया है. सोमवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, एसपी सुरक्षा बालाराम आचारी दुबे और अयोध्या नगर निगम के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने चल रही तैयारियों का जायजा लिया.
ट्रस्ट की मानें तो भीषण ठंड के बीच आने वाले श्रद्धालु किस प्रकार से इस आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंच सकेंगे. इसकी योजना रचना तैयार बनाई जा रही है. नगर निगम के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि भीषण ठंड के बीच आने वाली श्रद्धालुओं के लिए दी जाने वाली सुविधाओं कुली का ट्रस्ट के साथ मंथन किया. अंगद टीला पर बड़ी संख्या में लोग आयोजन को देखने पहुंचेंगे. जहां पर अलाव के साथ अन्य आवश्यक सुविधा प्राप्त हो सके इसके लिए तैयारी की जा रही है.
राम मंदिर के शिखर निर्माण का कार्य लगभग 35 प्रतिशत पूरा हो गया है. मंदिर के परकोटा और अन्य मंदिरों के निर्माण का कार्य भी लगभग 80% अधिक पूरा हो चुका है. जो कि आने वाले कुछ महीनो में यह सभी कार्य संपन्न हो जाएंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा के मुताबिक परिसर में लगभग 2000 से अधिक श्रमिक निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं. जो कि इस उत्सव के भी सहभागी होगी. इसके लिए किसी भी प्रकार से कार्य नहीं बंद किए जाएंगे.
अनिल मिश्रा ने बताया कि 11 से लेकर 13 जनवरी तक प्रभु राम का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव पर किसी भी प्रकार से विशिष्ठ पास नहीं जारी किया जायेगा. सभी वीआईपी दर्शन बंद रहेंगे. उन्होंने बताया कि मंदिर में दर्शन करने के लिए जन्मभूमि पथ से प्रवेश होगा और फिर निकास के लिए अंगद टीला के रास्ते से बाहर आएंगे.
अयोध्या राम मंदिर वर्षगांठ; प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम की तैयारियां तेज, श्रद्धालुओं के लिए होंगे विशेष इंतजाम - AYODHYA RAM MANDIR
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, एसपी और अयोध्या नगर निगम के महापौर ने चल रही तैयारियों का लिया जायजा
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jan 6, 2025, 8:31 PM IST
अयोध्या: राम जन्मभूमि परिसर में शिखर निर्माण के साथ 18 मंदिरों के भी निर्माण का कार्य चल रहा है. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के 1 वर्ष पूरा होने पर प्रतिष्ठा द्वादशी का भव्य आयोजन करने की भी तैयारी है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मानें तो आयोजन के साथ साथ मंदिर निर्माण का कार्य चलता रहेगा.
राम मंदिर समेत यात्री सुविधा केंद्र और अंगद टीला पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम संपन्न किए जाएंगे. जिसमें मुख्य कार्यक्रम अंगद टीला पर होगा. इसमें आने वाले श्रद्धालु आम नागरिक भी शामिल हो सकेंगे. जिसको लेकर भक्त पंडाल को लगाए जाने का कार्य प्रारंभ हो गया है. सोमवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, एसपी सुरक्षा बालाराम आचारी दुबे और अयोध्या नगर निगम के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने चल रही तैयारियों का जायजा लिया.
ट्रस्ट की मानें तो भीषण ठंड के बीच आने वाले श्रद्धालु किस प्रकार से इस आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंच सकेंगे. इसकी योजना रचना तैयार बनाई जा रही है. नगर निगम के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि भीषण ठंड के बीच आने वाली श्रद्धालुओं के लिए दी जाने वाली सुविधाओं कुली का ट्रस्ट के साथ मंथन किया. अंगद टीला पर बड़ी संख्या में लोग आयोजन को देखने पहुंचेंगे. जहां पर अलाव के साथ अन्य आवश्यक सुविधा प्राप्त हो सके इसके लिए तैयारी की जा रही है.
राम मंदिर के शिखर निर्माण का कार्य लगभग 35 प्रतिशत पूरा हो गया है. मंदिर के परकोटा और अन्य मंदिरों के निर्माण का कार्य भी लगभग 80% अधिक पूरा हो चुका है. जो कि आने वाले कुछ महीनो में यह सभी कार्य संपन्न हो जाएंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा के मुताबिक परिसर में लगभग 2000 से अधिक श्रमिक निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं. जो कि इस उत्सव के भी सहभागी होगी. इसके लिए किसी भी प्रकार से कार्य नहीं बंद किए जाएंगे.
अनिल मिश्रा ने बताया कि 11 से लेकर 13 जनवरी तक प्रभु राम का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव पर किसी भी प्रकार से विशिष्ठ पास नहीं जारी किया जायेगा. सभी वीआईपी दर्शन बंद रहेंगे. उन्होंने बताया कि मंदिर में दर्शन करने के लिए जन्मभूमि पथ से प्रवेश होगा और फिर निकास के लिए अंगद टीला के रास्ते से बाहर आएंगे.