सीतापुर : नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने वाले पद्मश्री से सम्मानित डॉ. एमपी मेहरे से स्थापित किया गया सीतापुर आंख अस्पताल आज भी आंख के गंभीर और लाइलाज रोगों के लिए पूरे देश में विख्यात है.
ट्रस्ट के आधार पर संचालित इस अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर सभी प्रकार के नेत्र रोगों का उपचार और सर्जरी करते हैं. डॉ. एमपी मेहरे ने 1926 में खैराबाद कस्बे में सबसे पहले इस अस्पताल की स्थापना की थी. बाद में शहर के भीतर इस अस्पताल को विस्तार दिया गया. मोतियाबिंद के ऑपरेशन को लेकर अस्पताल की ख्याति जब फैली तो देश के कोने-कोने से मरीज यहां आने लगे, जिसके बाद पूरे एशिया में यह मशहूर हो गया. डॉ. मेहरे का 1974 में निधन हो गया, लेकिन आज भी यह अस्पताल अपनी कीर्तिपताका फहरा रहा है.
वाई इस सिरोही, मेडिकल सुपरिंटेंडेंटइस ने बताया कि अस्पताल में सभी नेत्र रोगों का उपचार और ऑपरेशन न सिर्फ सफलता पूर्वक किया जाता है, बल्कि कम दामों में बेहतर सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं. यह अस्पताल सीतापुर जिले की खास पहचान बन गया है. स्थानीय लोग भी इस अस्पताल की खूबियों के कायल हैं.
वहीं हरेराम फौजी, स्थानीय निवासी ने कहा कि अस्पताल में ऑपरेशन के लिए गांवों में कैम्प करके मरीजों को लाने की डॉक्टर मेहरे ने परंपरा शुरू की थी, जो आज भी कायम है. इससे ग्रामीण रोगियों के लिए यह अस्पताल वरदान साबित हो रहा है.