सीतापुर: प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के प्रयास में जुटे हुए हैं. इसके लिए वह समय समय पर सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण कर हालातों का जायजा भी लेते रहते हैं. लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. हालात इतने खराब हैं कि सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टर और कर्मचारी सीएम और डिप्टी सीएम के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए नजर आ रहे हैं. यहां इलाज के बजाय ब्यूटी पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. इतना ही नहीं बिना घूस के मरीज को हाथ तक नही लगाया जाता है.
मामला सीतापुर के जिला महिला अस्पताल का है. यहां शुक्रवार रात एक प्रसूता को प्रसव पीड़ा के चलते जिला महिला अस्पताल लाया गया. पीड़िता का इलाज करने के लिए अस्पताल स्टॉफ की तरफ से 1500 रुपये की डिमांड भी की गई. पीड़ित परिजनों ने आरोप लगाया है कि पैसा न देने पर अस्पताल की स्टॉफ नर्सों ने गाली-गलौज कर पीड़ित परिवार को मौके से भगा दिया. मामले की शिकायत पीड़ित परिवार ने पुलिस से की. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची.
पीड़िता को अस्पताल में भर्ती किया गया. वहीं, पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि जब वह अस्पताल पहुंचे तो एक स्टॉफ नर्स अपनी ड्यूटी की जगह दूसरी नर्स का फेशियल करती नजर आई. मरीजों के इलाज और देखभाल के लिए तैनात की गई नर्स ड्यूटी की जगह ब्यूटी पर फोकस करते हुए ब्लीच करवा रही थी. इसका पीड़ित परिवार ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी वायरल किया है. मामले की शिकायत पीड़ित परिवार द्वारा लिखित रूप में पुलिस से भी की गई है.
इस बारे में प्रभारी सीएमएस डॉ. सुनीता कश्यप का कहना है कि वीडियो तो वायरल हो रहा है पर इसमें कितनी सच्चाई है इसके लिए जांच कमेटी का गठन किया गया है. हालांकि मेकअप जैसा कुछ नही किया जा रहा है. जब तक जांच रिपोर्ट नही आ जाती है तब तक कुछ नही कहा जा सकता है. वहीं, घूस मामले में भी उनका जवाब जांच कमेटी के ही इर्द गिर्द घूमता रहता है. लगातार दोबारा सवाल करने पर उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट की सच्चाई सामने आने के बाद ही कार्यवाही की जाएगी.
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