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सीतापुर: आज से खुले धार्मिक स्थल, भक्तों ने शुरू की पूजा-आराधना

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में शासन के निर्देशों के बाद सोमवार से धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है. वहीं धार्मिक स्थल खुलने के बाद मंदिर में उचित दूरी के साथ भक्तों ने पूजा आराधना शुरू की.

सीतापुर
सोमवार से खुले धार्मिक स्थल
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Published : Jun 8, 2020, 3:18 PM IST

सीतापुर: सरकार के दिशा-निर्देशों और प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद जिले के धार्मिक स्थलों को भक्तों के लिए खोल दिया गया है. भक्तों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मंदिरों में जाकर पूजा-आराधना की. मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए घेरे बनाये गये थे और सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की गई थी.

शहर में सबसे प्राचीन भोलेनाथ का श्यामनाथ मंदिर है. इस मंदिर की विशेष मान्यता है. बताया जाता है कि सैकड़ों वर्ष पहले एक चरवाहे को यह शिवलिंग खेत में मिला था. उसके बाद इसकी स्थापना की गई थी. बाद में नेत्रहीन जवाहर मिस्त्री ने यहां मन्नत मांगी थी, जिसके बाद उसकी आंखों की रोशनी वापस आ गई. इससे खुश होकर वर्ष 1903 में इस मंदिर का निर्माण कराया गया, जिसे बाद में भव्यता प्रदान की गई.

लॉकडाउन लागू होने के बाद अन्य मंदिरों के साथ इस मंदिर में भी भक्तों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया था. करीब ढाई माह के बाद सोमवार से धार्मिक स्थलों में पूजा पाठ और इबादत की इजाजत दी गई है. इसके बाद सोमवार का दिन होने के कारण श्यामनाथ मंदिर में भक्तों का आवागमन देखा गया.

मंदिर कमेटी की ओर से भक्तों के दर्शन वाली कतार में छह फिट की दूरी पर गोले बनाये गये थे और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी. मंदिर के महंत मुन्ना लाल गोस्वामी ने बताया कि यह काफी प्राचीन मंदिर है. यहां प्रत्येक सोमवार को बड़ी संख्या में शिवभक्त आते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. ढाई माह से यह मंदिर बंद था, जिसे सोमवार को भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिया गया है और प्रशासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है.

सीतापुर: सरकार के दिशा-निर्देशों और प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद जिले के धार्मिक स्थलों को भक्तों के लिए खोल दिया गया है. भक्तों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मंदिरों में जाकर पूजा-आराधना की. मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए घेरे बनाये गये थे और सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की गई थी.

शहर में सबसे प्राचीन भोलेनाथ का श्यामनाथ मंदिर है. इस मंदिर की विशेष मान्यता है. बताया जाता है कि सैकड़ों वर्ष पहले एक चरवाहे को यह शिवलिंग खेत में मिला था. उसके बाद इसकी स्थापना की गई थी. बाद में नेत्रहीन जवाहर मिस्त्री ने यहां मन्नत मांगी थी, जिसके बाद उसकी आंखों की रोशनी वापस आ गई. इससे खुश होकर वर्ष 1903 में इस मंदिर का निर्माण कराया गया, जिसे बाद में भव्यता प्रदान की गई.

लॉकडाउन लागू होने के बाद अन्य मंदिरों के साथ इस मंदिर में भी भक्तों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया था. करीब ढाई माह के बाद सोमवार से धार्मिक स्थलों में पूजा पाठ और इबादत की इजाजत दी गई है. इसके बाद सोमवार का दिन होने के कारण श्यामनाथ मंदिर में भक्तों का आवागमन देखा गया.

मंदिर कमेटी की ओर से भक्तों के दर्शन वाली कतार में छह फिट की दूरी पर गोले बनाये गये थे और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी. मंदिर के महंत मुन्ना लाल गोस्वामी ने बताया कि यह काफी प्राचीन मंदिर है. यहां प्रत्येक सोमवार को बड़ी संख्या में शिवभक्त आते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. ढाई माह से यह मंदिर बंद था, जिसे सोमवार को भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिया गया है और प्रशासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है.

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