सीतापुर: सूबे की योगी सरकार द्वारा पेश किए गए वार्षिक बजट में 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि और सतयुग के तीर्थ नैमिषारण्य की उपेक्षा किये जाने से साधु-संतों और स्थानीय लोगों में मायूसी है और उन्होंने इस पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि तीर्थो के विकास का दावा करने वाली योगी सरकार ने हम सबकी अपेक्षाओं पर कुठाराघात किया है.
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सरकार बनने के बाद पर्यटन विभाग के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नैमिषारण्य के विकास के लिए कई घोषणाएं की थी, लेकिन वे अभी परवान नहीं चढ़ सकी हैं. लिहाजा लोगों को इस बार के बजट से बहुत सारी उम्मीदें थीं, लेकिन बजट में नैमिषारण्य तीर्थ के लिए किसी प्रकार की घोषणा न होने से सभी में मायूसी के साथ नाराजगी भी है.