सीतापुर: संसदीय सीट से चौथी बार सांसद चुने गए बीजेपी के राजेश वर्मा ने पिछले वित्तीय वर्ष में अपनी निधि से सिर्फ 38 लाख 53 हजार रुपये खर्च कर पाए हैं. सांसद ने अपनी निधि से सबसे ज्यादा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को धनराशि आवंटित की है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में भ्रमण के दौरान उन्होंने ग्रामीणों द्वारा बताई गई विकास संबंधी समस्याओं पर प्राथमिकता के आधार पर धन आवंटित किया है.
दो करोड़ रुपये की परियोजनाओं का था प्रस्ताव
विभागीय आंकड़ों के अनुसार सांसद राजेश वर्मा को वित्तीय वर्ष 2019-20 में सांसद विकास निधि के तहत पांच करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. इसमें में 1 करोड़ 6 लाख रुपये ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को दस परियोजनाओं के स्टीमेट पर मंजूर किए गए, पर धन आवंटित नहीं हुआ. इसके चलते अभी कार्य शुरू नहीं हो पाया है. इसी प्रकार ब्लॉक महमूदाबाद में एक परियोजना के लिए 19 लाख 54 हजार रुपये आवंटित किए गए. इसका कार्य पूर्ण हो चुका है.
परियोजनाओं को कितने मिले पैसे
खण्ड विकास अधिकारी को पहली परियोजना के लिए 18 लाख 62 हजार रुपये आवंटित किए गए. यह कार्य भी पूरा हो चुका है. सोलर लाइट की आपूर्ति करने वाली नोएडा की संस्था ईईएसएल (ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड) को 56 लाख 71 हजार रुपये स्वीकृत कर 42 लाख 53 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है. अभी इसका कार्य अधूरा है. इसके अलावा 36 हजार रुपये दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को दिए गए हैं, जिससे अभी कोई कार्य नहीं हो पाया है.
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कितना किया है खर्च
कुल मिलाकर देखा जाए तो सांसद राजेश वर्मा की विकास निधि के अंतर्गत 2 करोड़ 1 लाख की परियोजनाओं को मंजूरी देकर अब तक 81 लाख से अधिक की धनराशि आवंटित की गई है. इसमें सिर्फ 38 लाख 53 हजार रुपये की धनराशि ही व्यय हो पाई है और 16 परियोजना में से सिर्फ दो परियोजनाओं का कार्य ही पूरा हो पाया है. अन्य परियोजनाओं का कार्य अभी अधूरा है. सांसद राजेश वर्मा का कहना है कि विकास कार्यों को लेकर वह गम्भीर हैं और जल्द ही शेष कार्य पूरा कराए जाएंगे.