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सीतापुर: शारदा और घाघरा का जलस्तर बढ़ा, 75 हजार की आबादी बाढ़ प्रभावित

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में घाघरा और शारदा नदी में लखीमपुर खीरी के बैराजों से इन नदियों में पानी छोड़े जाने के बाद सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. प्रशासन ने इनके लिए हर संभव सहायता पहुंचाने का दावा भी किया है.

नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांव बाढ़ की चपेट में
नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांव बाढ़ की चपेट में
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Published : Aug 3, 2020, 9:23 PM IST

सीतापुर: जिले के गांजरी क्षेत्र से होकर गुजरने वाली घाघरा और शारदा नदी का जलस्तर इन दिनों बढ़ा हुआ है. लखीमपुर खीरी के बैराजों से इन नदियों में पानी छोड़े जाने के बाद सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इससे करीब 75 हजार की आबादी प्रभावित है. प्रशासन ने इनके लिए हर संभव सहायता पहुंचाने का दावा किया है. आमतौर पर बाढ़ से इस जिले की तीन तहसीलें बिसवां, लहरपुर और महमूदाबाद प्रभावित होती हैं, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा प्रभाव बिसवां तहसील पर ही पड़ता है, जो कि सेवता विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है.

पिछले दिनों पड़ोसी जनपद लखीमपुर खीरी से पानी छोड़े जाने के बाद शारदा और घाघरा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि हो गई है. दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से करीब सौ गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिसके चलते यहां रहने वाली हजारों की आबादी इन दिनों बेहद परेशान है.

नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांव बाढ़ की चपेट में

अपने विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ का कहर जानने के लिए विधायक ज्ञान तिवारी ने दौरा कर लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की. उन्होंने राजस्व विभाग की टीम से राहत सामग्री वितरण के तहत लोगों को तिरपाल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. तहसीलदार बिसवां राजकुमार गुप्ता ने बताया कि इस तहसील के 21 गांव और करीब 43 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है, इनमें गोलोककोडर, मेउड़ी छोलहा, काशीपुर, नई बस्ती, जटपुरवा, राजापुर कलां आदि मुख्य हैं.

तहसीलदार ने बताया कि प्रशासन की ओर से इन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावें लगाई गई हैं और इन्हें राशन किट भी वितरित की जा रही है. इसके अलावा फिलहाल इन क्षेत्रों में लंच पैकेट के रूप में वितरित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतर्क नजर रखी जा रही है और लोगों को सरकार की ओर से निर्धारित सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है.

सीतापुर: जिले के गांजरी क्षेत्र से होकर गुजरने वाली घाघरा और शारदा नदी का जलस्तर इन दिनों बढ़ा हुआ है. लखीमपुर खीरी के बैराजों से इन नदियों में पानी छोड़े जाने के बाद सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इससे करीब 75 हजार की आबादी प्रभावित है. प्रशासन ने इनके लिए हर संभव सहायता पहुंचाने का दावा किया है. आमतौर पर बाढ़ से इस जिले की तीन तहसीलें बिसवां, लहरपुर और महमूदाबाद प्रभावित होती हैं, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा प्रभाव बिसवां तहसील पर ही पड़ता है, जो कि सेवता विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है.

पिछले दिनों पड़ोसी जनपद लखीमपुर खीरी से पानी छोड़े जाने के बाद शारदा और घाघरा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि हो गई है. दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से करीब सौ गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिसके चलते यहां रहने वाली हजारों की आबादी इन दिनों बेहद परेशान है.

नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांव बाढ़ की चपेट में

अपने विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ का कहर जानने के लिए विधायक ज्ञान तिवारी ने दौरा कर लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की. उन्होंने राजस्व विभाग की टीम से राहत सामग्री वितरण के तहत लोगों को तिरपाल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. तहसीलदार बिसवां राजकुमार गुप्ता ने बताया कि इस तहसील के 21 गांव और करीब 43 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है, इनमें गोलोककोडर, मेउड़ी छोलहा, काशीपुर, नई बस्ती, जटपुरवा, राजापुर कलां आदि मुख्य हैं.

तहसीलदार ने बताया कि प्रशासन की ओर से इन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावें लगाई गई हैं और इन्हें राशन किट भी वितरित की जा रही है. इसके अलावा फिलहाल इन क्षेत्रों में लंच पैकेट के रूप में वितरित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतर्क नजर रखी जा रही है और लोगों को सरकार की ओर से निर्धारित सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है.

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