सीतापुर: सूबे की राजधानी से सटे सीतापुर जिले में 25 नवंबर से फाइलेरिया मुक्ति अभियान शुरू किया जाएगा. पहले चरण में प्रदेश के18 जिलों में यह कार्यक्रम संचालित किया जाएगा. जिले में 950 मरीजों को चिन्हित किये जाने के बाद यह विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. अभियान के तहत टीमों को घर-घर भेजकर दवाइयों का वितरण कराया जाएगा.
कुल 950 मरीज चिन्हित
इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले में लिम्पिटिक हाइड्रोसील के 190 और लिम्पिटिक फायलिसिस के 760 मरीज चिन्हित किये गए हैं. कुल मिलाकर कुल 950 मरीज चिन्हित किये गए हैं. 25 नवम्बर से 10 दिसंबर के बीच विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत टीमें घर-घर जाकर लोगों को दवाइयों का वितरण करेंगी. उन्होंने बताया कि यह परजीवी बीमारी है और इसी के कारण हाथी-पांव जैसे रोग पनपते हैं. इस अभियान में जनसहयोग की अपेक्षा है, ताकि आने वाले समय में सीतापुर जिले से इस रोग का नामोनिशान मिट जाए.
डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि यह बीमारी मच्छर के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है. किसी भी उम्र के बच्चे को यह रोग हो सकता है. हाथ और पैर की सूजन के अलावा अण्डकोष का सूजन इसके लक्षण हैं. इस रोग के रोकथाम के लिए लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना भी जरूरी है. पहले चरण में प्रदेश के जिन 18 जिलों में यह अभियान शुरू किया जा रहा है, उसमें सीतापुर भी शामिल है.