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ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने मरीज के पेट में छोड़ा तौलिया

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में जिला महिला चिकित्सालय में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने महिला के पेट में तौलिया छोड़ दिया. इससे महिला की आंत में संक्रमण हो गया. बाद में लखीमपुर खीरी के एक डॉक्टर ने दोबारा ऑपरेशन करके उस तौलिए को बाहर निकाला.

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Published : Nov 2, 2020, 5:34 PM IST

जिला महिला चिकित्सालय सीतापुर.
जिला महिला चिकित्सालय सीतापुर.

सीतापुर: जिला महिला चिकित्सालय में एक महिला की डिलीवरी के दौरान सीएमएस की लापरवाही का मामला सामने आया है. आरोप है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान तौलिया मरीज के पेट में ही छोड़ दिया, जिससे महिला मरीज की न सिर्फ आंत में संक्रमण हो गया, बल्कि उसे अन्य परेशानियों से भी गुजरना पड़ा. बाद में लखीमपुर खीरी के एक डॉक्टर ने दोबारा ऑपरेशन करके उस तौलिए को बाहर निकाला, तब कहीं जाकर मरीज को राहत मिली. पीड़िता के पति ने इस संबंध में डीएम, एसपी और सीएमओ को शिकायत पत्र भेजकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. हालांकि सीएमएस ने अपने ऊपर लगाये गए आरोपों को निराधार बताया है.

जानकारी देती मरीज.

डिलीवरी के दौरान हुई लापरवाही
शहर के पुराना सीतापुर कजियारा निवासी शगुफ्ता अंजुम पत्नी मोहम्मद फैजान अख्तर अंसारी को बीती 5 जून को प्रसव के लिए सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. उसी दिन दोपहर में लगभग 12 बजे सीएमएस डाॅ. सुषमा कर्णवाल ने महिला का सिजेरियन ऑपरेशन किया. इसके बाद महिला ने एक बेटी को जन्म दिया. डॉक्टर ने ऑपरेशन के बाद पेट में टांके लगाकर उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया. आपरेशन के बाद 9 जून को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

MRI और अल्ट्रासाउंड में हुई पुष्टि
अस्पताल से छुट्टी मिलने के कुछ दिन बाद जब महिला को पेट में दर्द हुआ तो परिजनों ने निजी चिकित्सकों के पास जाकर उसे दिखाया. 19 अगस्त को लखनऊ की एक प्रतिष्ठित डायग्नोस्टिक सेंटर में हुई महिला की एमआरआई रिपोर्ट में पेट में किसी चीज के होने की बात कही गई. 25 सितंबर को हुए अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में डाॅक्टर संजय तोमर ने पेट में फारेनबाॅडी होने की बात कही. इसके बाद लखीमपुर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन किया गया. इस दौरान सर्जन जेड हसन ने सर्जरी के दौरान पेट से एक तौलियानुमा स्पंज निकाला, जिसका जिक्र उन्होंने महिला को दी गई डिस्चार्ज स्लिप में भी किया है. परिजनों का कहना है कि इस स्पंज के कारण आंत में भी संक्रमण हुआ और दोबारा ऑपरेशन के दौरान आंत भी काटनी पड़ी.

सीएमएस के विरुद्ध कार्रवाई की मांग
वहीं पीड़िता के पति ने सीएमएस के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए शहर कोतवाली में तहरीर भी दी है. वहीं जिला महिला चिकित्सालय की सीएमएस डाॅ. सुषमा कर्णवाल ने अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि जांच या फिर कोर्ट में जहां भी जरूरत पड़ेगी वह इसका जवाब देने के लिए तैयार हैं.

सीतापुर: जिला महिला चिकित्सालय में एक महिला की डिलीवरी के दौरान सीएमएस की लापरवाही का मामला सामने आया है. आरोप है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान तौलिया मरीज के पेट में ही छोड़ दिया, जिससे महिला मरीज की न सिर्फ आंत में संक्रमण हो गया, बल्कि उसे अन्य परेशानियों से भी गुजरना पड़ा. बाद में लखीमपुर खीरी के एक डॉक्टर ने दोबारा ऑपरेशन करके उस तौलिए को बाहर निकाला, तब कहीं जाकर मरीज को राहत मिली. पीड़िता के पति ने इस संबंध में डीएम, एसपी और सीएमओ को शिकायत पत्र भेजकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. हालांकि सीएमएस ने अपने ऊपर लगाये गए आरोपों को निराधार बताया है.

जानकारी देती मरीज.

डिलीवरी के दौरान हुई लापरवाही
शहर के पुराना सीतापुर कजियारा निवासी शगुफ्ता अंजुम पत्नी मोहम्मद फैजान अख्तर अंसारी को बीती 5 जून को प्रसव के लिए सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. उसी दिन दोपहर में लगभग 12 बजे सीएमएस डाॅ. सुषमा कर्णवाल ने महिला का सिजेरियन ऑपरेशन किया. इसके बाद महिला ने एक बेटी को जन्म दिया. डॉक्टर ने ऑपरेशन के बाद पेट में टांके लगाकर उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया. आपरेशन के बाद 9 जून को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

MRI और अल्ट्रासाउंड में हुई पुष्टि
अस्पताल से छुट्टी मिलने के कुछ दिन बाद जब महिला को पेट में दर्द हुआ तो परिजनों ने निजी चिकित्सकों के पास जाकर उसे दिखाया. 19 अगस्त को लखनऊ की एक प्रतिष्ठित डायग्नोस्टिक सेंटर में हुई महिला की एमआरआई रिपोर्ट में पेट में किसी चीज के होने की बात कही गई. 25 सितंबर को हुए अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में डाॅक्टर संजय तोमर ने पेट में फारेनबाॅडी होने की बात कही. इसके बाद लखीमपुर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन किया गया. इस दौरान सर्जन जेड हसन ने सर्जरी के दौरान पेट से एक तौलियानुमा स्पंज निकाला, जिसका जिक्र उन्होंने महिला को दी गई डिस्चार्ज स्लिप में भी किया है. परिजनों का कहना है कि इस स्पंज के कारण आंत में भी संक्रमण हुआ और दोबारा ऑपरेशन के दौरान आंत भी काटनी पड़ी.

सीएमएस के विरुद्ध कार्रवाई की मांग
वहीं पीड़िता के पति ने सीएमएस के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए शहर कोतवाली में तहरीर भी दी है. वहीं जिला महिला चिकित्सालय की सीएमएस डाॅ. सुषमा कर्णवाल ने अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि जांच या फिर कोर्ट में जहां भी जरूरत पड़ेगी वह इसका जवाब देने के लिए तैयार हैं.

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