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ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम होने पर पेट के बल लेटे मरीज: डॉ. मधु गैरोला 

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Published : Apr 25, 2021, 5:32 AM IST

सीतापुर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कई कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल जाने की जरूरत भी पड़ रही है, लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर, ऑक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने इस संबंध में पोस्टर के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी है. 

डॉक्टर की सलाह.
डॉक्टर की सलाह.

सीतापुर: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मधु गैरोला ने सलाह दी कि अगर किसी कोरोना पाजिटिव मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और ऑक्सीजन लेवल 94 से घट गया है, ऐसी स्थिति में मरीज को पेट के बल सोना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले वह पेट के बल लेटें, एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें, एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें एवं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें. इस तरह से 30 मिनट से दो घंटे तक सो सकते हैं.

इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के तापमान की जांच, पल्सऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जांच, ब्लड प्रेसर एवं शुगर की नियमित जांच होनी चाहिए.

सोने की चार पोजीशन फायदेमंद

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सोने की चार पोजीशन महत्वपूर्ण है. इसमें 30 मिनट से दो घन्टे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से दो घन्टे तक बाएं करवट, 30 मिनट से दो घन्टे तक दाएं करवट एवं 30 मिनट से दो घन्टे तक दोनों पैर सीधाकर पीठ को किसी जगह टिकाकर बैठने कर सोने से फायदा हो सकता है.

इसे भी पढ़ें- ऑक्सीजन के अभाव में परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के बेटे की मौत

इन बातों का रखें ख्याल

  • खाने के एक घन्टे तक पेट के बल सोने से परहेज करें.
  • पेट के बल जितना देर आसानी से सो सकतें हैं, उतना ही सोने का प्रयास करें. तकिए को इस तरह रखें, जिससे सोने में आसानी हो.

इन परिस्थियों में पेट के बल सोने से बचें

  • गर्भावस्था के दौरान, गंभीर हृदय रोग में
  • स्पाइन, फीमर एवं पेल्विक फ्रैक्चर की स्थिति में

सीतापुर: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मधु गैरोला ने सलाह दी कि अगर किसी कोरोना पाजिटिव मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और ऑक्सीजन लेवल 94 से घट गया है, ऐसी स्थिति में मरीज को पेट के बल सोना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले वह पेट के बल लेटें, एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें, एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें एवं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें. इस तरह से 30 मिनट से दो घंटे तक सो सकते हैं.

इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के तापमान की जांच, पल्सऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जांच, ब्लड प्रेसर एवं शुगर की नियमित जांच होनी चाहिए.

सोने की चार पोजीशन फायदेमंद

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सोने की चार पोजीशन महत्वपूर्ण है. इसमें 30 मिनट से दो घन्टे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से दो घन्टे तक बाएं करवट, 30 मिनट से दो घन्टे तक दाएं करवट एवं 30 मिनट से दो घन्टे तक दोनों पैर सीधाकर पीठ को किसी जगह टिकाकर बैठने कर सोने से फायदा हो सकता है.

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इन बातों का रखें ख्याल

  • खाने के एक घन्टे तक पेट के बल सोने से परहेज करें.
  • पेट के बल जितना देर आसानी से सो सकतें हैं, उतना ही सोने का प्रयास करें. तकिए को इस तरह रखें, जिससे सोने में आसानी हो.

इन परिस्थियों में पेट के बल सोने से बचें

  • गर्भावस्था के दौरान, गंभीर हृदय रोग में
  • स्पाइन, फीमर एवं पेल्विक फ्रैक्चर की स्थिति में
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