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कोविड-19 के प्रोटोकॉल को DM ने किया दरकिनार, सार्वजनिक की कोरोना पॉजिटिव की पहचान - सीतापुर समाचार

यूपी के सीतापुर में जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मामला सामने आया है. यहां डीएम अखिलेश तिवारी ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कोरोना संक्रमित महिला का नाम सार्वजनिक कर दिया.

जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी
जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी
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Published : May 4, 2020, 7:13 PM IST

सीतापुर: जिले में प्रशासन की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. जिले में एक गर्भवती महिला कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई है. इस मामले को लेकर जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी जब मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे तो उस दौरान उन्होंने महिला का नाम उजागर कर दिया. बता दें कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान को सार्वजनिक करना निषेध किया गया है.

मीडिया से बातचीत करते डीएम अखिलेश तिवारी.

कोविड-19 के प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मामला
जिला कलेक्ट्रेट में हुए सम्मान समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अनदेखी करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि स्थानीय प्रशासन की एक और लापरवाही सामने आई है. जिला प्रशासन एक बार फिर कोविड-19 के प्रोटोकॉल के उल्लंघन के मामले में फंसता दिखाई दे रहा है. इस बार खुद जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में एक कोरोना संक्रमित मरीज का नाम उजागर कर दिया, जबकि नियमानुसार उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए.

कोरोना संक्रमित महिला का नाम किया उजागर
बता दें कि सीतापुर के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने आई एक गर्भवती महिला का परीक्षण कराये जाने पर उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया. यह जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी कई प्रमुख अधिकारियों के साथ निजी नर्सिंग होम पहुंचे. यहां उन्होंने कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद में उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना संक्रमित महिला मरीज का नाम भी सार्वजनिक कर दिया. उनके इस वक्तव्य से लोग स्तब्ध रह गए. इसे कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना जा रहा है.

जिला प्रशासन की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
दो दिन पहले जिला कलेक्ट्रेट में मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर ने कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित करने का कार्यक्रम रखा था. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं थी. इस कार्यक्रम में डीएम-एसपी भी मौजूद थे और उन्हें सम्मानित भी किया गया था, लेकिन कार्यक्रम में न सिर्फ भारी भीड़ इकट्ठा हुई बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग की मर्यादा भी तार-तार हुई. दो दिन के बाद ही फिर नियमों की अनदेखी किये जाने से एक बार फिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं.

सीतापुर: जिले में प्रशासन की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. जिले में एक गर्भवती महिला कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई है. इस मामले को लेकर जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी जब मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे तो उस दौरान उन्होंने महिला का नाम उजागर कर दिया. बता दें कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान को सार्वजनिक करना निषेध किया गया है.

मीडिया से बातचीत करते डीएम अखिलेश तिवारी.

कोविड-19 के प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मामला
जिला कलेक्ट्रेट में हुए सम्मान समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अनदेखी करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि स्थानीय प्रशासन की एक और लापरवाही सामने आई है. जिला प्रशासन एक बार फिर कोविड-19 के प्रोटोकॉल के उल्लंघन के मामले में फंसता दिखाई दे रहा है. इस बार खुद जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में एक कोरोना संक्रमित मरीज का नाम उजागर कर दिया, जबकि नियमानुसार उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए.

कोरोना संक्रमित महिला का नाम किया उजागर
बता दें कि सीतापुर के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने आई एक गर्भवती महिला का परीक्षण कराये जाने पर उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया. यह जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी कई प्रमुख अधिकारियों के साथ निजी नर्सिंग होम पहुंचे. यहां उन्होंने कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद में उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना संक्रमित महिला मरीज का नाम भी सार्वजनिक कर दिया. उनके इस वक्तव्य से लोग स्तब्ध रह गए. इसे कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना जा रहा है.

जिला प्रशासन की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
दो दिन पहले जिला कलेक्ट्रेट में मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर ने कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित करने का कार्यक्रम रखा था. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं थी. इस कार्यक्रम में डीएम-एसपी भी मौजूद थे और उन्हें सम्मानित भी किया गया था, लेकिन कार्यक्रम में न सिर्फ भारी भीड़ इकट्ठा हुई बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग की मर्यादा भी तार-तार हुई. दो दिन के बाद ही फिर नियमों की अनदेखी किये जाने से एक बार फिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं.

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