सीतापुर: प्रदेश सरकार भले ही बच्चों की शिक्षा के हर वर्ष करोंड़ों रुपये खर्च कर रहा हो, लेकिन शिक्षा विभाग (education department) के अधिकारी इन रुपयों और व्यवस्थाओं में पलीता लगा रहे हैं. ताजा मामला जिले के महमूदाबाद ब्लॉक का है. यहां बीआरसी केंद्र (block resource coordinator) पर प्राथमिक और माध्यमिक परिषदीय विद्यालयों (council schools) में बांटने के लिए आई किताबें रद्दी की तरह पड़ी दिखीं. ये किताबें बच्चों को बांटी जानी थी, लेकिन बच्चों को यह किताबें वितरित नहीं की गई.
लापरवाही या कोरोना
चूंकि इस समय कोरोना है, जिसके चलते स्कूलों को बंद करने के निर्देश हैं, लेकिन बच्चों को बांटने के लिए लाई गई ये किताबें न ही बांटी गई और न तो उनका रख-रखाव सही तरीके से किया गया. लिहाजा लाखों रुपये की कीमत की यह किताबें बीआरसी पर पड़ी-पड़ी रद्दी में तब्दील हो गईं. जिले के महमूदाबाद ब्लॉक स्थित बीआरसी में बच्चों को बांटने के लिए आई किताबों का रद्दी हो जाना, साफ तौर पर बीआरसी के अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है.
खंड शिक्षा अधिकारी ने मारा कैमरे पर हाथ
जब इस बारे में महमूदाबाद के खंड शिक्षा अधिकारी अजय विक्रम सिंह से बात की गई तो उन्होंने तानाशाही दिखाते हुए मीडिया के कैमरे पर हाथ मार दिया. वहीं जब बीएसए अजीत कुमार से इस विषय में जब बात करने की कोशिश की गई तो वह भी बचते नजर आए.
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एक तरफ सरकार शिक्षा को लेकर सजग है तो दूसरी तरफ सीतापुर का शिक्षा विभाग कहीं ना कहीं सरकार की नीतियों को पलीता लगा रहा है. अब देखना है कि उच्च अधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं.