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सीतापुर: रक्षाबंधन पर भी लगा कोरोना ग्रहण, जेल में राखी बांधने पर लगी रोक - सीतापुर जेल में राखी बांधने पर लगी रोक

यूपी के सीतापुर जिले में कोविड-19 का प्रकोप रक्षा बंधन के त्योहार पर भी दिखाई दे रहा है. दरअसल, इस बार कोरोना वायरस के चलते जेल में निरुध्द अपने भाइयों की कलाइयों पर बहनें राखी नहीं बांध सकेंगी.

जिला कारागार सीतापुर.
जिला कारागार सीतापुर.
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Published : Jul 30, 2020, 7:07 PM IST

सीतापुर: कोविड-19 का ग्रहण इस बार भाई-बहन के प्यार के प्रतीक रक्षाबंधन पर भी दिखने लगा है. कोविड-19 के प्रकोप के चलते इस बार बहने जेल में निरुध्द अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध सकेंगी. वहीं अगर बहने चाहें तो राखी को जेल प्रशासन के माध्यम से भिजवा सकती हैं, लेकिन इसे पहुंचने में कम से कम 24 घंटे का वक्त लगेगा. ऐसा इसलिए निर्धारित किया गया है कि ताकि राखी के जरिये संक्रमण जेल के भीतर न दाखिल हो सके.

दरअसल, जिला जेल में रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर हमेशा से खास इंतजाम किए जाते रहे हैं. इस दिन बड़ी संख्या में बहनें जेल के अंदर अपने भाई को राखी बांधने के लिए आती थीं, जिसके मद्देनजर जेल प्रशासन काफी व्यवस्थाएं भी करता है. वहीं इस मौके पर जेल में स्वादिष्ट भोजन भी बनवाया जाता है, लेकिन इस बार कोविड-19 के प्रकोप के चलते रक्षाबंधन के त्योहार पर ग्रहण लग गया है. दरअसल कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पिछले 4 महीने से जेल में मुलाकात पर रोक लगी हुई है, लिहाजा रक्षाबंधन के मौके पर भी यह रोक यथावत जारी रहेगी. इस बार राखी बांधने के लिए बहनों को जेल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है. अगर बहनों को राखी जेल में बंद अपने भाई को राखी भेजना है तो वे जेल के गेट पर राखी दे सकती हैं, जिसे बाद में उनके भाइयों के पास पहुंचा दिया जाएगा.

जेल अधीक्षक डी.सी. मिश्रा ने बताया कि कोविड के प्रसार को रोकने के लिए इस बार प्रशासन की तरह से रोक लगाई गई है. साथ ही जो बहनें अपने भाइयों को राखी भेजना चाहती हैं, वे उसे एक बंद लिफाफे में कैदी का नाम और बैरिक लिखकर जेल गेट पर जमा कर सकती हैं, जिसे 24 घण्टे बाद संबंधित बंदी तक पहुंचा दिया जाएगा. यह समयावधि किसी भी प्रकार के संक्रमण को जेल के भीतर जाने से रोकने के लिए लागू की गई है.

इसे भी पढे़ं- सीतापुर जेल में खेती से 45 लाख का मुनाफा, बंदियों को मिला रोजगार

सीतापुर: कोविड-19 का ग्रहण इस बार भाई-बहन के प्यार के प्रतीक रक्षाबंधन पर भी दिखने लगा है. कोविड-19 के प्रकोप के चलते इस बार बहने जेल में निरुध्द अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध सकेंगी. वहीं अगर बहने चाहें तो राखी को जेल प्रशासन के माध्यम से भिजवा सकती हैं, लेकिन इसे पहुंचने में कम से कम 24 घंटे का वक्त लगेगा. ऐसा इसलिए निर्धारित किया गया है कि ताकि राखी के जरिये संक्रमण जेल के भीतर न दाखिल हो सके.

दरअसल, जिला जेल में रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर हमेशा से खास इंतजाम किए जाते रहे हैं. इस दिन बड़ी संख्या में बहनें जेल के अंदर अपने भाई को राखी बांधने के लिए आती थीं, जिसके मद्देनजर जेल प्रशासन काफी व्यवस्थाएं भी करता है. वहीं इस मौके पर जेल में स्वादिष्ट भोजन भी बनवाया जाता है, लेकिन इस बार कोविड-19 के प्रकोप के चलते रक्षाबंधन के त्योहार पर ग्रहण लग गया है. दरअसल कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पिछले 4 महीने से जेल में मुलाकात पर रोक लगी हुई है, लिहाजा रक्षाबंधन के मौके पर भी यह रोक यथावत जारी रहेगी. इस बार राखी बांधने के लिए बहनों को जेल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है. अगर बहनों को राखी जेल में बंद अपने भाई को राखी भेजना है तो वे जेल के गेट पर राखी दे सकती हैं, जिसे बाद में उनके भाइयों के पास पहुंचा दिया जाएगा.

जेल अधीक्षक डी.सी. मिश्रा ने बताया कि कोविड के प्रसार को रोकने के लिए इस बार प्रशासन की तरह से रोक लगाई गई है. साथ ही जो बहनें अपने भाइयों को राखी भेजना चाहती हैं, वे उसे एक बंद लिफाफे में कैदी का नाम और बैरिक लिखकर जेल गेट पर जमा कर सकती हैं, जिसे 24 घण्टे बाद संबंधित बंदी तक पहुंचा दिया जाएगा. यह समयावधि किसी भी प्रकार के संक्रमण को जेल के भीतर जाने से रोकने के लिए लागू की गई है.

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