सीतापुर: कोविड-19 के इस दौर में एम्बुलेंस चालक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. गंभीर मरीजों को इलाज के लिए समुचित स्थान पर पहुंचाने के लिये एम्बुलेंस चालक ही जिम्मेदार हैं. वहीं चुनौती के इस दौर में भी इनकी उपेक्षा की जा रही है. चालकों को जो जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने का आदेश है, उसका अनुपालन नही किया जा रहा है. लिहाजा एम्बुलेंस चालकों में रोष व्याप्त है.
राजधानी से सटे सीतापुर में 102, 108 और एएलएस के तहत 97 एम्बुलेंस संचालित हैं. करीब 390 कर्मचारी कार्यरत हैं. इन्हें सुरक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य परीक्षण एवं खाने की समुचित सुविधाएं मुहैया कराने के लिए महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने 19 अप्रैल को एक पत्र भी जारी किया था. इसके बावजूद जिले में इस आदेश की अनदेखी कर चालकों के साथ उपेक्षात्मक रवैया अपनाया जा रहा है.
एम्बुलेंस चालकों को नहीं मिल रहीं सुविधाएं
एम्बुलेंस चालकों ने कहा कि गंभीर से गंभीर मरीज को वह लोग अस्पताल तक लेकर आते हैं, लेकिन उन्हें पीपीई किट की सुविधा अब तक नहीं दी गई है. ऐसे में अगर कोई संक्रमित मरीज बाद में जांच के दौरान पॉजिटिव निकला तो उसके संक्रमण से न जाने कितने लोग वायरस के चपेट में आ चुके होंगे. दूसरा यह कि रेस्टोरेंट आदि बंद होने से उन्हें चाय-नाश्ता और भोजन नहीं मिल पा रहा है. विभाग इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है तो फिर वे लोग किस प्रकार अपनी ड्यूटी करेंगे. तीसरा उन चालकों के सामने रुकने की समस्या है. एक साथ सोशल डिस्टनसिंग की धज्जियां उड़ाकर उन्हें रहने को विवश किया जा रहा है, जो कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से डीजी हेल्थ के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कर चालकों को सभी अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है.